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दिल्ली: LG वीके सक्सेना का बड़ा एक्शन, एक्साइज कमिश्नर समेत 11 अधिकारियों को किया सस्पेंड

नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार और एलजी की लड़ाई ने नया मोड़ ले लिया है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन आबकारी आयुक्त दानीक्स आनंद कुमार तिवारी सहित 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। उन्होंने ये […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Feb 26, 2024 23:20
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नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार और एलजी की लड़ाई ने नया मोड़ ले लिया है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन आबकारी आयुक्त दानीक्स आनंद कुमार तिवारी सहित 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। उन्होंने ये कार्रवाई विजिलेंस रिपोर्ट के बाद की है।

इसके पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल अनिल बैजल पर आरोप लगाया कि उनकी मंजूरी के बाद ही नई आबकारी नीति को लागू किया गया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत ‘हजारों करोड़ रुपए’ का नुकसान हुआ है। इसके लिए उन्होंने एलजी पर आरोप लगाया, जिन्होंने 17 नवंबर 2021 से लागू हुई नई व्यवस्था पर अंतिम क्षण में यू-टर्न ले लिया। शनिवार को सिसोदिया के आरोपों के कुछ मिनट बाद, एलजी कार्यालय ने बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त, आईएएस अधिकारी आरव गोपी कृष्ण और दानिक्स अधिकारी आनंद कुमार तिवारी, उप आबकारी आयुक्त के खिलाफ ‘प्रमुख अनुशासनात्मक कार्यवाही’ शुरू करने को मंजूरी दे दी है।

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मनीष सिसोदिया ने लागए थे आरोप
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को कहा कि उन्होंने सीबीआई को पत्र लिखा है। सिसोदिया ने बताया, ‘मैंने सीबीआई को पूर्व एलजी के अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के रुख में बदलाव की जांच के लिए लिखा है।’ सिसोदिया का कहना है कि जहां शराब पहले नहीं बिकती थी, वहां भी मंजूरी दे दी गई।

दिल्ली की आबकारी नीति आप और भाजपा शासित केंद्र सरकार के बीच एक घमासान के रूप में बनकर उभरी है। सिसोदिया से पहले, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने केंद्रीय जांच एजेंसी को पत्र लिखकर शराब नीति की जांच की सिफारिश की थी जिसे पिछले साल आम आदमी पार्टी सरकार ने मंजूरी दी थी।

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सिसोदिया ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, ‘नई नीति 2021 में लागू की गई थी। लेकिन सत्ता में बैठे कुछ लोगों ने कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इसे लागू कराने से मना कर दिया। मैंने सीबीआई को पत्र लिखकर उनसे यह जांच करने का आग्रह किया है कि यह कैसे और क्यों हुआ।’

उन्होंने कहा कि नई नीति को मंजूरी देने से पहले, (पूर्व) एलजी ने नीति को ध्यान से पढ़ा। उन्होंने बदलाव का सुझाव दिया। फिर हमने उन्हें जून में संशोधन के साथ भेजा। इसे उन्होंने दूसरी बार क्लियर किया था। हालांकि, अब इसे बंद कराने पर उतारू हो गए।

 

 

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Gyanendra Sharma

Edited By

rahul solanki

First published on: Aug 06, 2022 02:42 PM
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