प्रशांत देव, लखनऊ: सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व आयकर उपायुक्त अरविंद मिश्रा ( आईआरएस-1989 बैच) को छः वर्ष की कारावास और 1.50 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश लखनऊ (उत्तर प्रदेश) यह सजा सुनाई है। खास बात यह है कि 15 हजार की रिश्वत का यह मामला कुल 23 साल कोर्ट में विचाराधीन रहा। अब आकर पूर्व आयकर उपायुक्त को सजा हुई है।
जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने एक शिकायत के आधार पर दोषी के खिलाफ 29 नंवबर 1999 को मामला दर्ज किया था। जिसमें No Dues Certificate जारी करने के लिए अरविंद मिश्रा द्वारा 20 हजार रुपए मांगने का आरोप था।इसके बाद सीबीआई ने मामले में 30 नवंबर 1999 को शिकायतकर्ता से 15 हजार रुपए लेते रंगे हाथों पकड़ा था। फिर मामले में जांच के बाद सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश लखनऊ की अदालत में आरोपी के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया।
इस मामले में हाई कोर्ट के समक्ष विभिन्न याचिकाएं लंबित होने के कारण अधिकांश अवधि के लिए मामले की सुनवाई पर रोक लगी रही थी। आरोपी द्वारा दायर याचिकाओं का सीबीआई अभियोजकों ने समुचित प्रतिवाद किया। अदालत और हाई कोर्ट को अभियोजन मामले के गुण-दोष के बारे में समझाने में सीबीआई सफल रही। जिसके कारण आरोपी की याचिकाओं एवं आरोपी के पक्ष में तरिम राहत से छूट को खारिज कर दिया गया।