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Video: नासिक में रोज नदी पार कर स्कूल जाते हैं बच्चे, झकझोर देगी बेबसी की ये तस्वीर

नासिक: महाराष्ट्र के नासिक में स्कूली बच्चों और उनके परिजन की बेबसी सामने आई है। बेबसी ऐसी कि गांव के लोग कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दरअसल, नासिक के पेठ तालुका में कुछ बच्चे रोजाना नदी पार कर स्कूल जाते हैं। बच्चों को उनके […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Aug 4, 2022 18:16
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नासिक: महाराष्ट्र के नासिक में स्कूली बच्चों और उनके परिजन की बेबसी सामने आई है। बेबसी ऐसी कि गांव के लोग कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दरअसल, नासिक के पेठ तालुका में कुछ बच्चे रोजाना नदी पार कर स्कूल जाते हैं। बच्चों को उनके परिजन कंधे पर बैठाकर नदी पार कराते हैं तो कुछ बच्चे डंडे के सहारे खुद भी नदी पार करते हैं। मामला पेठ तालुका का है। दरअसल, यहां नदी पर पुल नहीं है जिसके चलते बच्चों को जान हथेली बार रखकर स्कूल जाना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि हमने प्रशासन से कई बार नदी पर पुल बनाने की मांग कि लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

पूरे मामले का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि बच्चों के परिजन उन्हें कंधे पर बैठाकर या फिर बड़े बर्तनों में लेकर नदी पार करा रहे हैं। इस दौरान नदी का बहाव भी तेज होता है जिससे किसी अनहोनी का खतरा बना रहता है। वीडियो में कुछ शख्स बच्चों को कंधे पर बैठाकर नदी पार करा रहे हैं। इस दौरान पानी का स्तर उनके गर्दन तक पहुंच जाता है।

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नदी पार करा रहे एक अभिभावक ने बताया कि नदी पार करने के दौरान कई तरह का डर रहता है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई का मामला है, इसलिए जोखिम उठाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि नदी पार करने के दौरान कंधे पर बैठे बच्चे को एक हाथ से पकड़ते हैं जबकि दूसरे हाथ में डंडा के सहारे नदी पार करते हैं। उन्होंने बताया कि कभी-कभी बच्चों को बड़े बर्तन में भी रखकर नदी पार कराते हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान पैर फिसलने का भी डर रहता है।

बच्चों की छुट्टी से पहले नदी किनारे पहुंच जाते हैं परिजन

एक परिजन ने बताया कि बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद वे अपने काम में लग जाते हैं फिर जब बच्चों की छुट्टी होती है तो उनके नदी किनारे पहुंचने से पहले हमलोग वहां पहुंच जाते हैं। कुछ परिजन ने बताया कि बच्चों के चक्कर में कभी-कभी काम पर भी नहीं जा पाते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस गांव में वे रहते हैं, वहां प्राथमिक विद्यालय नहीं है। नदी के दूसरी तरफ गांव में स्कूल है जहां बच्चों को मजबूरी में पढ़ाई के लिए भेजना पड़ता है।

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Edited By

Om Pratap

First published on: Aug 04, 2022 06:10 PM

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