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8th Pay Commission: सभी Pay Bands के लिए एक समान फिटमेंट फैक्टर की मांग के क्या हैं मायने?

Government Employee Salary Increase: 8वें वेतन आयोग के गठन को सरकार ने पिछले महीने मंजूरी दी थी। हालांकि, आयोग का गठन अभी होना बाकी है। आयोग में एक अध्यक्ष और दो सदस्य शामिल हो सकते हैं।

Author Edited By : Neeraj Updated: Feb 20, 2025 08:53
8th Pay Commission

8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के मन में फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यही है कि 8वें वेतन आयोग से उनकी सैलरी में कितना इजाफा होगा? इस संबंध में लगातार खबरें आ रही हैं। एक्सपर्ट्स अपने अनुमान जाहिर कर रहे हैं। हालांकि, असल तस्वीर तभी साफ होगी जब आयोग अपनी सिफारिश सरकार के सामने रखेगा। इस बीच, नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के सचिव स्टाफ साइड शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि सभी पे-बैंड के लिए एक-सामान फिटमेंट फैक्टर होना चाहिए।

क्या है NC-JCM?

शिव गोपाल मिश्रा ने NDTV प्रॉफिट से बातचीत में कहा कि चाहे सैलरी बैंड 1 हो या फिर 4, हम चाहते हैं कि फिटमेंट फैक्टर एक जैसा होना चाहिए। हम 8वें वेतन आयोग के समक्ष यह मांग रखेंगे। उल्लेखनीय है कि एनसी-जेसीएम एक आधिकारिक निकाय है जिसमें नौकरशाह और कर्मचारी संघ के नेता शामिल हैं। इसका उद्देश्य सरकार और कर्मचारियों के बीच सभी विवादों को बातचीत के माध्यम से सुलझाना है।

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ऐसे होगा असर

मिश्रा ने बताया कि एक समान फिटमेंट फैक्टर का मतलब यह होगा कि वेतन संशोधन के लिए जिस फैक्टर के आधार पर कैलकुलेशन की जानी है, वह एक जैसी ही होगी। फिर सैलरी बैंड चाहे कोई भी हो। सातवें वेतन आयोग के तहत, पे बैंड 1 के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के वेतन संशोधन के लिए 2.57 फिटमेंट फैक्टर इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, आयोग ने फिटमेंट फैक्टर को सैलरी बैंड 2 के लिए 2.62 तक बढ़ाने के लिए इंडेक्स ऑफ रेशनलाइजेशन (IOR) का उपयोग किया। इसके बाद पे बैंड 3 के लिए 2.67 और पे बैंड 4 के तहत हायर सैलरी ग्रेड के लिए यह 2.72 था। शीर्ष स्तर पर वेतन संशोधन के लिए, 7वें वेतन आयोग ने IOR को ध्यान में रखते हुए 2.81 के फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की थी।

यह भी पढ़ें – 8th Pay Commission: कितना मिलेगा सैलरी हाइक? सरकारी कर्मचारियों के हर सवाल का यहां है जवाब

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क्या है धारणा?

उन्होंने कहा कि इंडेक्स ऑफ रेशनलाइजेशन वेतन आयोग द्वारा तय किया जाता है। सामान्य दृष्टिकोण यह है कि अधिक जिम्मेदारी वाले लोगों को अधिक वेतन वृद्धि मिलनी चाहिए। लेकिन हमारी मांग है कि अधिकतम और न्यूनतम वेतन के बीच के अंतर को कम करने के लिए फिटमेंट फैक्टर एक समान होना चाहिए। वहीं, कर्मचारी यूनियनों का मानना ​​है कि अगर IOR का इस्तेमाल नहीं किया जाता, तो फिटमेंट फैक्टर पे बैंड 1 के तहत आने वालों के लिए अनुशंसित से अधिक होता। सातवें वेतन आयोग में फर्स्ट पे बैंड के तहत वेतन संशोधन के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, जबकि हाईएस्ट लेवल पर यह 2.81 है।

बढ़ रहा है अंतर

शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि चौथे वेतन आयोग ने न्यूनतम और अधिकतम वेतन के बीच के अंतर को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया था। लेकिन तब से, अंतर केवल बढ़ता ही गया है। हमारे विचार में 8वें वेतन आयोग को इस समस्या को हल करने के लिए एक समान फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश करनी चाहिए। बता दें कि 8वें वेतन आयोग के गठन को सरकार ने पिछले महीने मंजूरी दी थी। हालांकि, आयोग का गठन अभी होना बाकी है, जिसमें एक अध्यक्ष और दो सदस्य शामिल होने की उम्मीद है।

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Neeraj

First published on: Feb 20, 2025 08:53 AM

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