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यूट्यूब पर म्यूजिक बनाने का नया AI फीचर, जानें नए टूल तक कैसे पहुंचे?

यूट्यूब स्टूडियो के क्रिएटर म्यूजिक टैब का एक हिस्सा है और सभी क्रिएटर्स के लिए फ्री में उपलब्ध होगा। हालांकि फीचर को धीरे-धीरे रोलआउट किया जा रहा है, जिससे क्रिएटर्स टेक्स्ट प्रॉम्ट्स के जरिए कस्टम म्यूजिक बना सकते हैं।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Apr 14, 2025 11:04
Youtube Ai
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यूट्यूब ने 2023 में क्रिएटर म्यूजिक मार्केटप्लेस लॉन्च किया था, जो क्रिएटर्स को म्यूजिक लाइसेंसिग प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डिजाइन किया गया था। अब लॉन्च हुआ, म्यूजिक असिस्टेंट इस मार्केटप्लेस का एक नया जोड़ है। यह AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है, जिससे क्रिएटर्स टेक्स्ट प्रॉम्ट्स के जरिए कस्टम म्यूजिक बना सकते हैं। यूट्यूब ने इससे पहले ड्रीम ट्रैक फीचर लॉन्च किया था जो मशहूर कालाकरों की स्टाइल में 30 सेकंड के म्यूजिक क्लिप्स बनाने की सुविधा देता है। म्यूजिक असिस्टेंट का हिस्सा माना जाता है।

कॉपी राइट और रायल्टी फ्री

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बता दें कि म्यूजिक असिस्टेंट का मेन काम क्रिएटर्स को उनके विडिंयोज के लिए कस्टम इंस्ट्रुमेंटल म्यूजिक प्रोड्यूज करना है। क्रिएटर्स को इसके लिए पहले टेक्स्ट प्रॉम्प्ट देना होगा। इसमें कई प्रॉम्प्ट पहले से ही बनाए हुए हैं, जो आपको सजेशन में मिलेंगे। प्रॉम्प्ट देने के बाद आउटपुट में 4 ऑडियो सैपल्स मिलेंगे, जिसे अपनी पसंद के अनुसार चुन सकते हैं। ये सैपल्स विभिन्न इंस्ट्रुमेंट्स(वाद्य) और मूड्स पर डिपेंड होंगे। जैसे पियानो स्ट्रिंग्स ड्रम्स या इलेक्ट्रॉनिक्स सिंथेसाइजर्स।

खास बात तो यह है कि जो म्यूजिक मिलेगा। वह पूरी तरह रॉयल्टी फ्री और कॉपीराइट सुरक्षित होगा। मतलब इसका इस्तेमाल करने पर कोई कानूनी दावा नहीं आएगा।

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नए टूल तक कैसे पहुंचे?

बता दें कि अभी म्यूजिक असिस्टेंट अमेरिका के यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम के मेंबर्स को ही उपलब्ध कराया गया है। इंटरनेशनल रोलआउट की घोषणा नहीं हुई है। टूल तक पहुंचने के लिए क्रिएटर्स को यूट्यूब स्टूडियो में क्रिएटर म्यूजिक सेक्शन में नेविगेट करना होगा, जहां एक अलग टैब में म्यूजिक असिस्टेंट का ऑप्शन मिलेगा।

अब समझते हैं AI टेक्नोलॉजी जानकारी

कुछ तकनीकि विभाग जैसे ट्रैक्स की लोथ, ऑडियो क्वॉलिटी और फाइल फॉर्मेट्स के बारे में यूट्यूब ने जानकारी नहीं दी है। इसके AI मॉडल के बारे में भी कोई खास जानकारी नहीं दी गी है। लेकिन Gemini के आइकन से संकेत मिल रहा है कि यह Google के जेमिनी पर आधारित है।

म्यूजिक इंडस्ट्री पर डाल सकता है गहरा असर

बता दें कि म्यूजिक असिस्टेंट का लॉन्च सगीत लाइसेंसिंग उद्योग पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। स्टॉक और कस्टम म्यूजिक दने वाली कंपनियो को इससे दिक्कत हो सकती है। इसके फीचर्स की वजह से म्यूजिक इंडस्ट्री में विवाद बढ़ सकते हैं।

 

 

 

 

 

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First published on: Apr 14, 2025 11:04 AM

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