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चोरी हुए वाहनों को ट्रैक करना अब हुआ आसान, नोएडा के वैज्ञानिक ने बनाया खास डिवाइस

नोएडा के एक वैज्ञानिक ने ऐसा डिवाइस बनाया है जिससे गाड़ी चोरी होने पर उसे आसानी से ढूंढ़ा जा सकेगा। यह डिवाइस गाड़ी मालिकों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Apr 8, 2025 12:35

नोएडा और नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) जैसे क्षेत्रों में गाड़ी चोरी की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट होने के बावजूद चोर नए-नए तरीके अपनाकर गाड़ियां चुरा लेते हैं। पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी अधिकतर गाड़ी वापस नहीं मिल पाते।

नोएडा के वैज्ञानिक ने बनाया खास डिवाइस

इन समस्याओं को देखते हुए नोएडा सेक्टर-39 के राजकीय महाविद्यालय में कंप्यूटर साइंस विभाग के डॉ. शिशुपाल सिंह ने एक खास डिवाइस बनाया है। यह डिवाइस चोरी हुए गाड़ियों को ट्रैक करने में बेहद कारगर साबित हो सकती है।

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एक से ज्यादा चिप्स वाला डिवाइस

यह डिवाइस सामान्य जीपीएस सिस्टम से अलग है। इसमें गाड़ी के अलग-अलग हिस्सों जैसे इंजन, चेसिस और नंबर प्लेट पर छोटे-छोटे चिप्स लगाए जाते हैं। ये सभी चिप्स एक कंट्रोलर से जुड़े होते हैं। खास बात यह है कि यदि चोर जीपीएस सिस्टम को हटा भी देता है, तो बाकी चिप्स काम करते रहते हैं और गाड़ी की लोकेशन ट्रैक की जा सकती है।

चोरी के प्रयास पर मोबाइल पर अलर्ट

डिवाइस में वायरलेस टेक्नोलॉजी और खास कोडिंग का उपयोग किया गया है। यदि कोई चोर गाड़ी के किसी हिस्से को हटाने या उसे किसी दूसरे गाड़ी में इस्तेमाल करने की कोशिश करता है, तो यह डिवाइस तुरंत गाड़ी के मालिक को मोबाइल पर अलर्ट भेज देता है।

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सड़क हादसों में भी मददगार

डॉ. शिशुपाल का कहना है कि यह डिवाइस न सिर्फ चोरी के मामलों में बल्कि सड़क हादसों में भी मददगार हो सकता है। यदि किसी दुर्घटना के बाद गाड़ी का पता नहीं चल रहा हो, तो यह डिवाइस उसकी लोकेशन ट्रैक कर सकता है। उन्होंने कहा, इस डिवाइस को बनाने में एक साल का समय लगा और इसे भारत सरकार से पेटेंट भी मिल चुका है।

एनसीआर में सबसे ज्यादा चोरी होने वाले वाहन

डिजिटल इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म एको की रिपोर्ट के अनुसार एनसीआर में सबसे ज्यादा चोरी होने वाली कार मारुति वैगन आर, स्विफ्ट, हुंडई क्रेटा, सैंट्रो और होंडा सिटी है। वहीं हीरो स्प्लेंडर, होंडा एक्टिवा और बजाज पल्सर जैसी बाइक्स भी चोरों के निशाने पर रहती हैं।

पुलिस और वाहन मालिकों के लिए मददगार

इस डिवाइस का नाम ‘सिस्टम फॉर प्रिवेंटिंग थेफ्ट ऑफ व्हीकल्स’ रखा गया है। इसमें तीन वायरलेस चिप्स और एक कंट्रोलर होता है जो गाड़ी में छिपाकर लगाया जाता है। यह इनोवेशन न सिर्फ गाड़ी मालिकों को राहत देगा बल्कि पुलिस की जांच में भी सहायक होगा।

 

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First published on: Apr 08, 2025 12:35 PM

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