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Explainer: यूएन में सीजफायर के प्रस्ताव पर भारत ने क्यों बनाई वोटिंग से दूरी, ये है सबसे बड़ी वजह

Israel Hamas News: भारत समेत 45 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। भारत के अलावा आस्ट्रेलिया, जर्मनी, जापान, कनाडा, यूके और यूक्रेन ने भी मतदान में भाग नहीं लिया।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Oct 28, 2023 14:12
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फोटो-Youtube@UnitedNations

Israel Hamas Conflict: इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। इस दौरान शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल एसेंबली में हमास और इजराइल के बीच सीजफायर का प्रस्ताव लाया गया। इसमें भारत ने वोटिंग में भाग नहीं लिया। इस प्रस्ताव को शुक्रवार को जॉर्डन ने पेश किया था, जो कि पारित हो गया। जॉर्डन इजराइल का पड़ोसी देश है। इसमें युद्ध से प्रभावित गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने और वहां के लोगों की सुरक्षा की मांग की गई। सवाल है कि भारत ने इसमें मतदान से दूरी क्यों बना ली। इस प्रस्ताव का मकसद गाजा में तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान करना तो था, लेकिन इसमें आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले संगठन हमास को बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया था। इस वजह से भारत ने इसपर मतदान से दूरी बना ली।

भारत का वोटिंग में भाग नहीं लेना काफी चौंकाने वाला है। बता दें कि यूएन की जनरल एसेंबली में 193 देश सदस्य हैं। जनरल एसेंबली द्वारा 10वां आपातकालीन स्पेशल सेशन बुलाया गया था। प्रस्ताव को अपना लिया गया है, लेकिन अब इजराइल पर निर्भर है कि वह युद्ध रोकता है कि नहीं। प्रस्ताव का समर्थन 120 देशों ने किया है जबकि 14 देशों ने उसके खिलाफ वोट किया है। वहीं भारत समेत 45 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, जापान, कनाडा, यूके और यूक्रेन ने भी मतदान में भाग नहीं लिया। प्रस्ताव में युद्ध को तत्काल रोकने और गाजा पट्टी में बिना किसी रुकावट के मानवीय सहायता पहुंचाने का आह्वान किया गया था।

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क्या कहा भारत ने

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मतदान नहीं करने के अपने फैसले के बारे में बताते हुए भारत ने कहा कि प्रस्ताव में हमास का जिक्र नहीं है और संयुक्त राष्ट्र को आतंक के खिलाफ स्पष्ट संदेश भेजने की जरूरत है। प्रस्ताव पर भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने कहा, गाजा में चल रहे संघर्ष में हताहतों की संख्या एक गंभीर, गहरी और निरंतर चिंता का विषय है। नागरिक, विशेषकर महिलाएं और बच्चे अपनी जान देकर इसकी कीमत चुका रहे हैं। इस मानवीय संकट को हल करने की जरूरत है। हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के तनाव कम करने की कोशिशों और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने का स्वागत करते हैं। भारत ने भी इस कोशिश में योगदान दिया है।

बता दें कि पूरे प्रस्ताव में हमास शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया था, जो कि भारत के वोट नहीं देने की सबसे बड़ी वजह थी। अमेरिका का भी यही कहना था कि इसमें हमास की निंदा की जानी चाहिए थी। वहीं हमास और इजराइल के बीच चल रहा युद्ध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इजराइल किसी भी कीमत पर अपने कदम पीछे खींचने को राजी नहीं है। 7 अक्टूबर को अपने ऊपर हुए हमले के बाद इजराइल ने युद्ध का ऐलान कर दिया था। इस हमले में इजराइल के 1400 लोग मारे गए थे।

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News24 हिंदी

First published on: Oct 28, 2023 01:02 PM

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