Explainer What Is Exit Poll: आज देश में 5 विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल का दिन है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में किसकी सरकार बनेगी, इसकी भविष्यवाणी आज होगी, लेकिन आपके दिमाग में एक सवाल होगा कि एग्जिट पोल क्या होता है? ऐसा ही एक शब्द ओपिनियन पोल है, वह क्या होता है? क्या दोनों में अंतर है या दोनों एक ही बात है? इन सभी सवालों का जवाब हम आपको देते हैं। आइए एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल पर विस्तार से बात करते हैं…
क्या है एग्जिट पोल?
बता दें कि एग्जिट पोल एक प्रकार का वोटर सर्वे है, जो मतदान होने के बाद कराया जाता है। एग्जिट पोल मीडिया संस्थानों और अन्य एजेंसियों द्वारा कराया जाता है, ताकि पता चल सके कि आखिर वोटर्स ने किस पार्टी के पक्ष में वोट दिया है। एग्जिट पोल से एक तरह से चुनाव के विजेता को लेकर भविष्यवाणी की जाती है। हालांकि एग्जिट पोल पर पूर्ण भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन इससे एक अनुमान हो जाता है कि चुनाव कौन-सी पार्टी जीत रही है?
कैसे कराया जाता एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल सर्वे के तहत वोटरों से कुछ सवाल पूछे जाते हैं कि उन्होंने किसे वोट दिया? यह सर्वे मतदान वाले दिन ही कराया जाता है। मीडिया हाउस और एजेंसियां एक टीम बनाकर पोलिंग बूथ पर भेजती हैं, जो वोट करके जाने वाले लोगों से बात करके उनके विचार जानती हैं। इस आधार पर डाटा इकट्ठा करके एनालिसिस किया जाता है और एग्जिट पोल के रूप में नतीजे देशवासियों के समक्ष पेश किए जाते हैं।
ओपिनियन पोल क्या होता है?
ओपिनियन पोल भी एक प्रकार का सर्वे ही होता है, जो चुनाव से पहले कराया जाता है। ओपिनियन पोल में वे सभी लोगों शामिल होते हैं, जो वोटर हैं या जो वोटर नहीं हैं। ओपिनियन पोल में एरिया के अहम मुद्दों पर बातचीत की जाती है। उन मुद्दों पर जनता का मूड और विचार जानने की कोशिश की जाती है। यह देखा जाता है कि जनता किस पार्टी से नाराज है? किस पार्टी से संतुष्ट है।
देश में सबसे पहला एग्जिट पोल?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन (IIPU) चीफ एरिक डी कोस्टा ने एग्जिट पोल की शुरुआत की थी, लेकिन सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) ने 1996 में सबसे पहला एग्जिट पोल कराया था। इसका प्रसारण दूरदर्शन पर हुआ था। इसमें अनुमान लगाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) लोकसभा चुनाव जीतेगी। यह एग्जिट पोल सही साबित हुआ और BJP ने चुनाव जीता। इसके बाद भारत में एग्जिट पोल होने लगा। 1998 में प्राइवेट चैनलों ने एग्जिट पोल प्रसारित करना शुरू किया।
दुनिया में सबसे पहला एग्जिट पोल?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 1936 में सबसे पहले अमेरिका में एग्जिट पोल हुआ। 1937 में ब्रिटेन में और 1938 में फ्रांस में सबसे पहला एग्जिट पोल हुआ। इससे भी पहले 1967 में नीदरलैंड के सोशलिस्ट और नेता मार्सेल वॉन डैम ने एग्जिट पोल कराया था, जो बिल्कुल सटीक रहा।
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एग्जिट पोल को लेकर नियम-कानून?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एग्जिट पोल के लिए देश में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 बना है, जिसकी धारा 126 ए के तहत मतदान पूरी तरह खत्म होने के आधे घंटे बाद तक भी एग्जिट पोल जारी नहीं किया जा सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो कानून के तहत 2 साल की जेल या जुर्माना लगाया जा सकता है। जेल-जुर्माना दोनों भी हो सकता है। चुनाव आयोग ने 1998 में पहली बार एग्जिट पोल को लेकर गाइडलाइंस बनाई थी।