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Explainer: छात्रों और कर्मचारियों के लिए वीजा नियम सख्त कर रहा ऑस्ट्रेलिया… भारतीयों पर इसका कैसा असर पड़ेगा?

Australia New Strict Visa Rules : : माइग्रेशन की चुनौती से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने अपने वीजा नियमों को सख्त करने का फैसला किया है। हालांकि, भारतीयों पर इसका असर पड़ने की उम्मीद कम ही है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Dec 12, 2023 20:47
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Representative Image (Credit: Pixabay)

Australia New Strict Visa Rules : ऑस्ट्रेलिया अपनी वीजा प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए इससे जुड़े नियमों को सख्त कर रहा है। इसके नए नियम छात्रों और कामगारों पर असर डालेंगे और इससे देश में आने वाले प्रवासियों की संख्या आधी हो सकती है। इस रिपोर्ट में पढ़िए क्या हैं ये नए नियम और भारतीयों पर इनका प्रभाव किस तरह पड़ेगा।

क्या हैं ऑस्ट्रेलिया के नए वीजा नियम

वीजा नियमों में बदलाव करने की घोषणा बीते सोमवार को गृह मामलों की मंत्री क्लेयर ओ’नील ने की थी। उन्होंने कहा था कि पिछली सरकार ने सिस्टम को तहस-नहस कर दिया था। बता दें कि इस साल की शुरुआत में इमिग्रेशन सिस्टम का मूल्यांकन किया गया था जिसमें इसकी स्थिति बेहद खराब बताई गई थी।

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मूल्यांकन में इमिग्रेशन सिस्टम में बड़े सुधार लाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया था। अब ऑस्ट्रेलियाई सरकार ये सुधार ले आई है और इनके अनुसार ग्रेजुएट वीजा पाने के लिए छात्रों को इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट्स सिस्टम (IELTS) में कम से कम 6.5 का स्कोर लाना होगा। पहले यह स्कोर 6.0 था।

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वहीं, स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन करने वालों के लिए स्कोर की बाध्यता 6.0 कर दी गई है जो पहले 5.5 हुआ करता था। इसके अलावा देश में लंबे समय तक रहने के लिए किसी छात्र की ओर से अगर दूसरा वीजा आवेदन किया जाता है तो इसकी ज्यादा सख्त जांच किए जाने का प्रावधान भी कर दिया गया है।

देश में हैं 6.50 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र

नए नियमों के तहत अब छात्रों को यह भी बताना होगा कि यहां आगे पढ़ाई करने से उनके करियर या अकादमिक महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा मिलेगा। गृह मामलों के विभाग ने यह भी कहा है कि नए वीजा नियम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अंतरराष्ट्रीय छात्र सही मायनों में ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने के लिए ही हैं।

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बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में लगभग 6.50 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं और इनमें से कई अपने दूसरे वीजा पर पढ़ाई कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार ऑस्ट्रेलिया ग्रेजुएट वीजा की अवधि भी कम करेगा। अभी इसके तहत किसी अंतरराष्ट्रीय छात्र को आठ साल तक देश में रहने की अनुमति मिलती है।

स्किल्ड कर्मचारियों को मिलेगी राहत

परमानेंट माइग्रेशन के लिए प्वाइंट सिस्टम में भी बदलाव होंगे और उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जो ऑस्ट्रेलिया को बेहतर तरीके से प्रभावित करेंगे। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया स्थायी नागरिकता प्रदान करने में टेक या हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों और जरूरी माने जाने वाले कर्मचारियों को राहत देगा।

एक रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग कम से कम 1.35 लाख डॉलर से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं उनके वीजा आवेदन तेज रफ्तार से निपटाए जाएंगे। ओ’नील ने यह भी कहा है कि नई वीजा व्यवस्था में सभी अस्थायी स्किल्ड कर्मचारियों के पास स्थायी नागरिकता पाने का रास्ता होगा।

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उन्होंने कहा कि ये नीतियां ऐसे कामगारों को अधिक संख्या में ऑस्ट्रेलिया लेकर आएंगी जिनकी देश को जरूरत है। इससे देश में रहने, काम करने और पढ़ने वालों के उत्पीड़न की संभावनाएं भी कम होंगी।

ऐसे कदम क्यों उठा रहा है ऑस्ट्रेलिया

दरअसल, अधिकतर पश्चिमी देशों की तरह ऑस्ट्रेलिया भी इमिग्रेशन को लेकर संघर्ष कर रहा है। वीजा नियमों में बदलाव का निर्णय साल 2022-23 में नेट इमिग्रेशन के 5.10 लाख के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने की उम्मीद जताए जाने के बाद लिया गया है। ओ’नील का कहना है कि 2022-23 में नेट ओवरसीज इमिग्रेशन मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रों की वजह से बढ़ा है।

ओ’नील ने इसे लेकर एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि हमारी रणनीति माइग्रेशन के आंकड़ों को वापस सामान्य की ओर ले जाने की है। उन्होंने कहा कि लेकिन ऐसा केवल आंकड़ों को लेकर नहीं किया जा रहा है। यह केवल माइग्रेशन की देश में वर्तमान स्थिति को लेकर नहीं किया जा रहा है बल्कि ऐसे कदम ऑस्ट्रेलिया के भविष्य को देखते हुए उठाए जा रहे हैं।

भारतीयों पर कैसा रहेगा इसका असर

उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों के पसंदीदा देशों में से एक है। ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के डाटा के अनुसार जनवरी 2023 से अप्रैल 2023 के बीच 95,791 भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे थे। बात करें नई नीतियों के भारतीय छात्रों पर प्रभाव की तो कहा जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच ‘इकनॉमिक कोऑपरेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट’ (ECTA) की वजह से नए नियमों का ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे भारतीय छात्रों पर खास असर नहीं पड़ेगा।

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भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन भी यह कह चुके हैं कि इस एग्रीमेंट के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जिन प्रतिबद्धताओं पर सहमति जताई गई थी उनका नई माइग्रेशन रणनीति में पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसका मतलब है कि भारतीय छात्र अस्थायी ग्रेजुएट वीजा पर बैचलर डिग्री पूरी करने के लिए दो साल, मास्टर्स डिग्री पूरी करने के लिए तीन साल और पीएचडी पूरी करने के लिए चार साल तक ऑस्ट्रेलिया में रहने के योग्य रहेंगे।

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News24 हिंदी

First published on: Dec 12, 2023 08:47 PM

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