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इस उम्र के लोगों के लिए मल्टीप्लेक्स-सिनेमाघरों में फिल्म देखने पर रोक, हाई कोर्ट का बड़ा फैसला!

Children Banned From Watching Movies After 11PM: तेलंगाना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए अब 16 साल से कम उम्र के लोगों के सिनेमाघरों में फिल्म देखने पर रोक लगा दी है।

Author Published By : Himanshu Soni Updated: Jan 28, 2025 10:40
Telangana High Court Decision
Telangana High Court Decision

Telangana High Court Decision: तेलंगाना हाई कोर्ट ने हाल ही में एक अहम आदेश जारी करते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए रात 11 बजे के बाद सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले के बाद पूरे देश में इस मुद्दे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। हर कोई कोर्ट के इसी फैसले के बारे में बात कर रहा है। चलिए आपको बताते हैं कोर्ट ने क्या आदेश जारी किया है।

तेलंगाना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

कोर्ट ने अपने फैसले में ये माना कि बच्चों का देर रात तक सिनेमाघरों में फिल्में देखना उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। कोर्ट का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब बच्चों और किशोरों के रातभर तक जागने और ज्यादातर समय तक स्क्रीन के सामने बैठने के मुद्दे पर चिंता जताई जा रही थी। विशेषज्ञों का मानना है कि देर रात तक फिल्मों को देखने से बच्चों की नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जिससे उनका शारीरिक विकास और पढ़ाई पर असर पड़ता है।

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अब 11 बजे के बाद फिल्म नहीं देख पाएंगे बच्चे

हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि बच्चों के मनोविकास में नींद की अहम भूमिका होती है। देर रात तक जागने से उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर लंबे समय में नकारात्मक असर पड़ सकता है। इस आदेश को राज्य सरकार द्वारा भी माना गया है, जो अब सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स संचालकों से ये सुनिश्चित करने का आग्रह कर रही है कि इस आदेश का पालन किया जाए।

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि ये कदम बच्चों की हेल्थ  के लिहाज से बेहद अहम है। बच्चों को ऐसी गतिविधियों से बचाना चाहिए, जो उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। इसके अलावा कोर्ट ने सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स संचालकों से भी बच्चों के लिए विशेष सावधानियां बरतने का निर्देश दिया है ताकि उनका स्वास्थ्य ठीक रहे।

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मानसिक स्वास्थ्य के लिए लिया गया फैसला

इस फैसले से एक बात साफ हो जाती है कि बच्चों के प्रति समाज की जिम्मेदारी केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की भी बराबरी से देखभाल करनी चाहिए। इस कदम के साथ ही ये सवाल उठता है कि क्या ऐसे प्रतिबंधों को देशभर में लागू करना चाहिए, ताकि बच्चों को देर रात तक की गतिविधियों से बचाया जा सके?

हालांकि कई लोग इस फैसले से असहमत हो सकते हैं और उनका मानना हो सकता है कि ये बच्चों के मनोरंजन पर एक कड़ी पाबंदी है, लेकिन बच्चों के हित में ये कदम कितना सही है, इसका फैसला समय और परिस्थितियों के साथ ही होगा।

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First published on: Jan 28, 2025 10:40 AM

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