अश्वनी कुमार: इन दिनों ओटीटी स्पेस इतना बड़ा बनता जा रहा है कि आप इसमें बड़े से बड़े स्टार, बड़े से बड़े प्रोडक्शन हाउस के साथ, उतने ही बड़े नाम वाले डायरेक्टर्स को शुमार देख रहे हैं। इनमें से कुछ सीरीज पूरी तरह से फिक्शनल है। साइंस फिक्शन है और ज्यादातर कहानियां सच्ची घटनाओं पर आधारित है।
प्राइम वीडियो की नई वेब सीरीज दहाड़, जिसे फरहान अख़्तर और रितेश सिडवानी की एक्सेल एंटरटेनेंट और टाइगर बेबी ने मिलकर बनाया है, वो ऐसी ही एक सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानी है, जिसे फिक्शनल कहानी के तौर पर ही रखा गया।
सोनाक्षी सिन्हा का ओटीटी डेब्यू
दरअसल, दहाड़ का जिक्र इसके दो सितारों की वजह से होता रहा है। पहला कि ये सोनाक्षी सिन्हा का ओटीटी डेब्यू है और दूसरे इसमें विजय वर्मा है। हांलाकि इस सीरीज में सोहम शाह, गुलशन देवैया और जोया मोरानी जैसे मंझे हुए एक्टर भी हैं। साथ ही इस सीरीज के क्रिएटर के तौर पर जोया अख़्तर और रीमा कागती जैसे दमदार नाम शामिल हैं।
साइनाइड मोहन की कहानी पर बेस्ड है दहाड़ की कहानी
दहाड़ की कहानी एक असली सीरियल किलर- साइनाइड मोहन की कहानी पर बेस्ड है। कर्नाटका के प्राइमरी स्कूल टीचर मोहन कमार ने 2004 से 2009 के बीच तकरीबन 20 लड़कियों को जिनकी शादी दहेज की वजह से नहीं हो पा रही थी उनसे दोस्ती की और उन्हें शादी का झांसा दिया। घर से गहने और कैश लेकर भागने के लिए उकसाया और फिर उनसे शारीरिक संबध बनाने के बाद साइनाइड की परत चढ़ी हुई गर्भ निरोधक गोली देकर उनका मर्डर कर दिया।
दहाड़ की कहानी
ये कहानी कर्नाटक की जगह राजस्थान के मांडवा में बेस्ड की गई हैं। जहां हिंदी पढ़ाने वाला एक प्रोफेसर आनंद स्वर्णकार जो पत्नी और एक बच्चे के साथ आम सी ज़िंदगी जीता है और एक आर्दश व्यकित बनकर दिखाता है।
लड़कियों को बनाता है शिकार
कोई नहीं जानता कि उसने अपने अंदर एक हैवान छिपा रखा है, जो पूरे राजस्थान के अलग-अलग जिलों में उन लड़कियों को अपना शिकार बनाता है, जिनकी शादी दहेज की वजह से नहीं हो पा रही है या जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। आनंद उन्हें अच्छी ज़िंदगी का सपना दिखाता है और घर से भागने को उकसाता है।
सीरियल किलर की कहानी
आखिरकार वो आनंद का शिकार बनती हैं, लेकिन रीमा कागती, जोया अख़्तर और रितेश शाह ने मिलकर इस सीरियल किलर की कहानी को और आगे बढ़ाते हैं, जहां लव जिहाद को लेकर लोगों को भड़काने की राजनीति है।
मजबूर लोगों की मायूसी
आजादी के इतने साल बाद भी सभ्य समाज की ओट में छिपी जातिगत भेदभाव की परतें हैं। बेटियों की सादी कराने के लिए दहेज की भारी-भरकम डिमांड पूरी करने की मजबूरी है और इस बीच अगर बेटियां घर से भाग जाती हैं, तो गरीबी की बदहाली में जीने को मजबूर लोगों की मायूसी है।
अंजली भाटी
इन सबके बीच ये अंजली भाटी नामकी उस दबंग पुलिस अफसर की कहानी है, जो अपनी काबिलियत में डिपॉर्टमेंट में सबसे आगे हैं, लेकिन जब उसे उसका सुपीरियर अफसर केस लीड करने को जिम्मेदारी देता है।
8 एपिसोड तक आपको बांधकर रखती है सीरीज
एस.पी. साहब इंस्पेक्टर से पूछते हैं कि इसकी वजह हिंदी वाला काम है या संस्कृत वाला काम। रीमा कागती ने दहाड़ के किरदारों के साथ राजस्थान के एक छोटे से शहर में ऐसी कहानी रची है, जो 8 एपिसोड तक आपको बांधकर रखती है, वो भी तब जब आपको शुरुआत से पता है कि इन लड़कियों का कातिल कौन है।
सदियों की रूढ़िवादिता
इसकी वजह है कि आनंद स्वर्णकार के कैरेक्टर के साथ, राइटर और डायरेक्टर दिखा सकें कि चेहरे और पहचान से प्रोग्रेसिव और शरीफ लगने वाले लोगों की शख़्सियत के बहुत अंदर, सदियों की रूढ़िवादिता कैसे दबी बैठी है।
दहाड़ को बनाया इंप्रेसिव
राजस्थान की लोकेशन, ऑर्ट डायरेक्शन, सिनेमैटोग्राफ़ी भड़काऊ नहीं बल्कि बिल्कुल रियलिस्टिक है। इसके किरदारों और कहानी की तरह। गौरव रैन और तराना का म्यूज़िक दहाड़ को इंप्रेसिव बनाता है।
कहानी और डायरेक्टर अच्छा हो
दहाड़, सोनाक्षी सिन्हा का ओटीटी डेब्यू है और इस बात का सबूत है कि कहानी और डायरेक्टर अच्छा हो, तो सोनाक्षी में बहुत दम है।
आनंद स्वर्णकार बने विजय वर्मा को देखकर हैरान रह जाएंगे
अंजली भाटी के किरदार में वो दबंग पुलिस वाली बनी हैं, जो सलमान खान की तरह फिल्मी दबंग नहीं, बल्कि लेडी पुलिस ऑफिसर की वो ज़िंदगी, अहसास और संघर्ष दिखाती है, जो कम से कम आपको फिल्मों में देखने को तो नहीं मिलने वाला। ये सोनाक्षी सिन्हा की अब तक की सबसे दमदार परफॉरमेंस है। आनंद स्वर्णकार बने विजय वर्मा को देखकर आप हैरान रह जाने वाले हैं, ये एक्टर बिल्कुल गिरगिट जैसा है।
दहाड़ को 3.5 स्टार
इतनी तेजी से रंग बदलता है कि पहचानना मुश्किल, एक हिंदी प्रोफेसर और आर्दश पति से जब विजय, लड़कियों को बहलाता है, पहचान बदलता है, तो लगता ही नहीं कि ये वही शख़्स है। गुलशन देवैया और सोहम शाह जैसे मंझे हुए कलाकारों ने दहाड़ को और जोरदार बना दिया है, जिसे इस सीरीज़ को देखने का मजा तीन गुना हो जाए। वेब सीरीज दहाड़ को 3.5 स्टार।