Maidaan Film Review: इंडिया में अगर खेल पर बात की जाए तो सबसे पहले दिमाग में क्रिकेट का नाम आता है। हालांकि कई और खेल भी हैं, जिन्होंने देश में न सिर्फ इतिहास रचा बल्कि गौरवान्वित होने का मौका भी दिया। हालांकि इन खेलों को इस मुकाम तक लाने के पीछे कड़ी मेहनत, जज्बा और जुनून रहा है। जाहिर है कि अगर आप कुछ कर गुजरने की ठान लेते हैं तो फिर आपको कोई रोक नहीं सकता। जिन सपनों पर दुनिया हंसती है, उन्हें एक दिन पूरा करके दिखाना कुछ ऐसी ही कहानी बयां करती है अजय देवगन की फिल्म ‘मैदान’।
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जब भारत देश आजाद हुआ तो कुछ लोग उसकी हार के सपने देख रहे थे लेकिन कई ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने देश को पहचान और सम्मान दिलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उन्हीं में से एक थे सैयद अब्दुल रहीम। उन्होंने फुटबॉल के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देकर न सिर्फ भारत को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई बल्कि अपने नाम को इतिहास में अमर कर दिया। विदेश में हारने के बाद भी उनका ‘Well Played India’ का नारा गूंजता रहा। आइए एक नजर डालते हैं फिल्म ‘मैदान’ के रिव्यू पर।
क्या है ‘मैदान’ की कहानी?
‘मैदान’ की कहानी आजाद भारत के फुटबॉल कोच सैयद अब्दुल रहीम की असल जिंदगी पर आधारित है। फिल्म में अजय देवगन फुटबॉल कोच की भूमिका में हैं। कहानी की शुरुआत होती है कलकत्ता से। जब स्पोर्ट्स फेडरेशन के लोगों के मन में शहरों को लेकर बातें चल रही थीं। लोग अपने-अपने राज्य को लेकर भेदभाव कर रहे थे, उस दौरान अब्दुल रहीम फुटबॉल के क्षेत्र में आगे बढ़ने की सोच रहे थे।
1952 से 1962 का दौर फुटबॉल का गोल्डन पीरियड माना जाता है। फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि कैसे उस दौर में प्लेयर मैदान पर हार-जीत के लिए नहीं बल्कि अपने देश को पहचान दिलाने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। उनका जज्बा बढ़ाने में सैयद अब्दुल रहीम की अहम भूमिका रही है। ‘मैदान’ की कहानी काफी रोमांचित करने वाली है। इसे आप अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं।
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स्टार कास्ट की एक्टिंग
‘मैदान’ में अजय देवगन ने सैयद अब्दुल रहीम का किरदार बखूबी निभाया है। उन्होंने अपनी एक्टिंग से अब्दुल रहीम के किरदार को जीवंत कर दिया है। साथ ही देश के लिए उनके योगदान को पर्दे पर बखूबी उकेरा है। फिल्म में अजय देवगन की को-स्टार प्रियामणि हैं। अब्दुल रहीम की पत्नी के किरदार में प्रियामणि ने बेहतरीन काम किया है। कुल मिलाकर फिल्म की पूरी स्टार कास्ट ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी
अजय देवगन की ‘मैदान’ को अमित रवीन्द्रनाथ शर्मा ने डायरेक्ट किया है। अब्दुल रहीम की फुटबॉल टीम के 10 साल की मेहनत को 2 घंटे में पर्दे पर दिखाना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। हालांकि अमित रवीन्द्रनाथ शर्मा ने हर एक्टर को स्क्रीन पर प्रॉपर टाइमिंग देते हुए फिल्म में उनकी कड़ी मेहनत दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हो सकता है कि फिल्म की शुरुआत में आप थोड़ा बोर हो जाएं लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे आपको स्क्रीन पर बांध के रखती है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और कैमरा हैंडलिंग भी काफी शानदार है, जो आपको निराश नहीं करेगी।