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Kota Factory 3 Review: सपने नहीं ऐम देखना सिखाती है जीतू भैया की सीरीज, देखने से पहले पढ़ें रिव्यू

Kota Factory 3 Review: जितेंद्र कुमार की वेब सीरीज 'कोटा फैक्ट्री' का तीसरा सीजन नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गया है। इसके साथ ही जीतू भैया की वापसी हो गई है। इस वेब सीरीज को देखने से पहले यहां पढ़ें पूरा रिव्यू।

Edited By : Jyoti Singh | Updated: Jun 21, 2024 10:31
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Kota Factory 3
Kota Factory 3.

Kota Factory 3 Review: पंचायत और गुल्लक के बाद कोटा फैक्ट्री से TVF ने साबित कर दिया है कि बिना तड़क-भड़क और गाली-गलौज के सिंपल कहानियां भी लोगों के दिलों में अपनी जगह बना सकती हैं। फिर जब देश में IIT-JEE और NEET जैसे गंभीर मुद्दे छाए हों और पढ़ाई से संबंधित गंभीर विषय पर वेब सीरीज बनाई गई हो तो यूथ को ऐसी कहानियां देखने से कभी नहीं चूकना चाहिए। बात जब राजस्थान के शहर कोटा की तो स्कूल से निकलकर बच्चे यहां मां-बाप से दूर अकेले रहने आते हैं। मनोरंजन और बाहरी दुनिया से दूर सिर्फ और सिर्फ कॉम्पिटिशन की तैयारी में लगना ही उनका एकमात्र लक्ष्य होता है। आप किस स्कूल से आए हैं? आपने 10th और 12th में टॉप किया था, ये सब कोटा में मायने नहीं रखता। लक्ष्य होता है तो सिर्फ एक कि IIT-JEE का एग्जाम क्रैक करना है।

बात करें प्रेशर की तो पूछो ही मत क्योंकि यहां आने वाले बच्चों का आत्मविश्वास डगमगाने में जरा भी वक्त नहीं लगता है। उनका डर उन्हें पढ़ाई के बोझ तले इतना दबा देता है कि उससे ऊपर उठ पाना हर बच्चे के लिए मुमकिन नहीं। कुछ बच्चे इस प्रेशर को स्मार्टली हैंडल कर लेते हैं तो वहीं कुछ अपनी जीवन लीला को समाप्त कर लेते हैं। TVF की ‘कोटा फैक्ट्री’ कोटा के इन्हीं गंभीर मुद्दों पर आधारित रही है, जिसका अब तीसरा सीजन नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुका है।

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क्या है कोटा फैक्ट्री 3 की कहानी?

कोटा फैक्ट्री 3 की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पर दूसरा सीजन खत्म होता है। जीतू भैया अपनी स्टूडेंट की मौत के गम से बाहर नहीं आ पाए हैं। अपनी कोचिंग क्लास को छोड़कर उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया है और मनोचिकित्सक की मदद लेने लगे हैं। कुछ समय बाद जीतू भैया की वापसी होती है तो उनके स्टूडेंट्स में खुशी की लहर दौड़ जाती है लेकिन अब जीतू भैया का बिहेवियर कुछ बदल चुका है। जरा-जरा सी बात पर गुस्सा करना दर्शाता है कि वो अपनी स्टूडेंट की मौत के गम से बाहर नहीं निकल पाए हैं।

कहानी आगे बढ़ती है जीतू भैया के स्टूडेंट्स की तरफ जिन्हें कुछ भी करके इस बार IIT-JEE को क्लीयर करना ही है। उनके सपने को पूरा करने के लिए जीतू भैया बस एक गुरु मंत्र देते हैं, ‘सपने नहीं ऐम देखो… क्योंकि सपने देखे जाते हैं और ऐम पूरा किया जाता है।’ इस बीच एंट्री होती है पूजा दीदी की जो माहेश्वरी क्लासेस में पढ़ाती हैं। जीतू भैया और पूजा दीदी मिलकर बच्चों को एग्जाम के लिए तैयार करते हैं। एग्जाम होता है लेकिन इसे जीतू भैया के कितने स्टूडेंट्स क्लीयर कर पाते हैं ये जानने के लिए आपको पूरी सीरीज देखनी होगी।

डायरेक्शन और एक्टिंग

कोटा फैक्ट्री 3 के डायरेक्शन की बात करें तो इसे राघव सुब्बू ने डायरेक्ट किया है। रंगीन जमाने में ब्लैक एंड व्हाइट सीरीज बनाकर उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। वहीं एक्टिंग की बात करें तो सचिव जी के बाद जीतू भैया बनकर लौटे जितेंद्र कुमार ने फिर से दर्शकों का दिल जीता है। टीचर की भूमिका में वो ऐसे ढल गए हैं, कि हर बच्चा उनसे पूरी तरह कनेक्ट हो पाया है। वहीं पूजा दीदी के किरदार में तिलोत्तमा शोम ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। पूरी सीरीज में उन्होंने जीतू भैया को बराबरी की टक्कर दी है।

देखें या नहीं देखें?

अगर आपने कोटा फैक्ट्री के दोनों सीजन देखे हैं तो आप तीसरा सीजन देखने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। वहीं अगर आप कोटा शहर में पढ़ने आए बच्चों की मुश्किल भरी जर्नी देखना चाहते हैं तो ‘कोटा फैक्ट्री 3’ जरूर देखें। इस वेब सीरीज में आपको हंसी, खुशी, इमोशन, प्रेशर और हताशा सब देखने को मिलेगा।

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Written By

Jyoti Singh

First published on: Jun 21, 2024 10:31 AM

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