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Javed Akhtar ने स्टेज से किया ‘जय सिया राम’ का जयघोष, रामायण को बताया सांस्कृतिक विरासत

Javed Akhtar Jai Siya Ram: दिवाली के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में जावेद अख्तर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मंच से 'जय सिया राम' का जयघोष भी किया।

Edited By : Nidhi Pal | Updated: Nov 10, 2023 14:13
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Javed Akhtar
image credit: social media

Javed Akhtar Jai Siya Ram: गीतकार जावेद अख्तर वैसे तो अपने शानदार गानों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कई बार वह अपने विवादित बयानों को लेकर भी सुर्खियों में बने रहते हैं। हाल ही में दिवाली पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू संस्कृति में सहिष्णुता की सराहना की है। दरअसल दिवाली के मौके पर महाराष्ट्र में नवनिर्माण सेना की ओर से शिवाजी पार्क में दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जावेद अख्तर भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मंच से ‘जय सिया राम’ (Javed Akhtar Jai Siya Ram) के नारे भी लगाए।

‘राम-सीता की भूमि पर पैदा होने का है गर्व’

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इवेंट के दौरान जावेद अख्तर ने कहा कि भगवान राम और सीता न सिर्फ हिंदू-देवी देवता हैं बल्कि उन्हें भारत की सांस्कृतिक विरासत भी कहा जाता है। उन्होंने कहा, रामायण भारत की सांस्कृतिक विरासत है और उन्हें राम और सीता की भूमि पर पैदा होने का गर्व है। अख्तर आगे कहते हैं, ‘राम और सीता केवल हिंदू देवी-देवता नहीं हैं। यह भारत की सांस्कृतिक विरासत है। हालांकि मैं नास्तिक हूँ फिर भी मैं राम और सीता को इस देश की संपत्ति मानता हूं इसलिए मैं यहां आया हूं। रामायण हमारी सांस्कृतिक विरासत है। यह आपकी रुचि का विषय है।’

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‘आजकल नहीं बन रहीं पारिवारिक फिल्में’

जावेद अख्तर ने आगे कहा, ‘मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं राम और सीता की भूमि पर पैदा हुआ हूं, जब हम मर्यादा पुरुषोत्तम की बात करते हैं तो राम और सीता ही याद आते हैं। तो, आज से जय सियाराम।’ गीतकार ने लोगों से भी ‘जय सिया राम’ के नारे लगाने के लिए कहा। इसके अलावा उन्होंने आजकल बनने वाली फिल्मों पर भी बात की। गीतकार ने कहा, ‘आज जो फिल्में बन रही हैं, उन्हें परिवार के साथ बैठकर नहीं देखा जा सकता है। अभिव्यक्ति की आजादी कम हुई है और यह बात मैं लगातार दोहरा रहा हूं।’

‘सीता और राम को अलग-अलग सोचना पाप’

इस इवेंट में जावेद अख्तर ने लखनऊ में अपने बचपन के दिनों को याद किया। वह बोले, ‘मैं लखनऊ से हूं। बचपन में मैं ऐसे लोगों को देखता था जो अमीर थे वह गुड मॉर्निंग कहते थे, लेकिन सड़क से गुजरता हुआ एक आम आदमी कहता था, जय सिया राम। इसलिए सीता और राम को अलग-अलग सोचना पाप है। सिया राम शब्द प्रेम और एकता का प्रतीक है। सिया और राम तो एक ने ही अलग किए। उसका नाम रावण था। तो जो अलग करेगा वह रावण होगा। तो आप मेरे साथ तीन बार जय सिया राम का जाप करें। आज से जय सिया राम बोलें।’

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Edited By

Nidhi Pal

First published on: Nov 10, 2023 01:29 PM

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