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Udaipur Files के रिलीज पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक, वकील कपिल सिब्बल मूवी देखकर देंगे ग्रीन सिंग्नल

Stay On Udaipur Files: 11 जुलाई को रिलीज होने जा रही फिल्म उदयपुर फाइल्स पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि फिल्म को मिले सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट के खिलाफ सरकार के पास याचिका लगाई जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता जमीयत को इसके लिए 2 दिन का समय दिया है। साथ ही फिल्म निर्माताओं से कहा कि पहले याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल को पूरी मूवी दिखाई जाए।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jul 10, 2025 21:14

Stay On Udaipur Files: शुक्रवार को सिनेमाघरों में उदयपुर फाइल्स फिल्म देखने का प्लान कर रहे प्रशंसकों के लिए बुरी खबर है। गुरुवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने फिलहाल फिल्म के रिलीज होने पर रोक लगा दी है। सेंसर बोर्ड से मिले सर्टिफिकेट पर विवाद को केंद्र सरकार का मामला बताया है।

मामले में सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बेंच ने कहा कि सिनेमेटोग्राफ एक्ट के सेक्शन 6 के तहत सरकार के पास फिल्म की रिलीज को रोकने का अधिकार है। जब तक सरकार फैसला नहीं लेगी, तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक रहेगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता जमीयत से कहा कि वो फिल्म को मिले सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट के खिलाफ सरकार से अर्जी लगाए। साथ ही कोर्ट ने सरकार को 7 दिन में फैसला लेने को कहा है।

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फिल्म को लेकर क्या है विवाद

उदयपुर फाइल्स फिल्म उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित है। 26 जून को फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था। उसे देखकर जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाकर फिल्म पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में बताया गया कि फिल्म में कई ऐसे सीन हैं, जो एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम करते हैं। तर्क दिया कि उदयपुर फाइल्स फिल्म समाज में नफरत और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने का काम करेगी। जमीयत की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि ऐसी आपत्तिजनक फिल्में बनाना और उनको रिलीज करना संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ हैं।

कपिल सिब्बल और सॉलिसिटर जनरल क्यों देखेंगे मूवी

गुरुवार को मामले में सेंसर बोर्ड ने तर्क दिया कि फिल्म से सभी विवादित सीन हटा दिए गए हैं। इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता ने सवाल उठाया कि कैसे पता चलेगा कि विवादित सीन केवल ट्रेलर से हटाए गए हैं या पूरी मूवी से। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने सेंसर बोर्ड और फिल्म निमार्ताओं को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल को स्क्रीनिंग कराई जाए।

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First published on: Jul 10, 2025 08:01 PM