Saif Ali Khan Family Property (विपिन श्रीवास्तव) : जबलपुर हाई कोर्ट की एकल पीठ का 13 दिसंबर को आदेश है कि जो 21 जनवरी को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें कोर्ट ने 30 दिन में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपना पक्ष रखने का लिखा है, लेकिन पटौदी परिवार ने अपीलीय प्राधिकरण में पक्ष रखा या नहीं यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है। यही वजह है कि स्थिति साफ न होने के चलते भोपाल जिला प्रशासन भी स्पष्ट कुछ कहने को तैयार नहीं है। हालांकि, भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि हाई कोर्ट का आदेश सामने आने और समझने के बाद ही कोई करवाई की जाएगी
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर में 2015 से शत्रु संपत्ति के मामले में बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर, बहनें सोहा अली खान, सबा अली खान और मंसूर अली खान पटौदी की बहन सबीहा सुल्तान और भारत सरकार एवं अन्य से ये मामला चल रहा था। भोपाल में पटौदी परिवार को जानने वाले पटौदी परिवार की संपत्ति कहे जाने वाले लोग मंगलवार को फ्लैग हाउस पहुंच गए। उन्होंने बताया कि जानकारी मिली है कि हाई कोर्ट ने संपत्तियों से स्टे हटा दिया है। हाई कोर्ट द्वारा स्टे हटाए जाने की खबरों के बीच सैफ अली खान के परिवार या उनके वकील की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।
यह भी पढ़ें : Saif Ali Khan को शरीफुल इस्लाम ने क्यों मारे चाकू? हुआ बड़ा खुलासा
भोपाल की संपत्ति पर दावा करता है पटौदी परिवार
आपको बता दें कि मुंबई स्थित शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय 2015 में भोपाल नवाब की जमीन को सरकारी घोषित कर चुके हैं, जिसके बाद पटौदी परिवार कोर्ट गया। 1947 में भोपाल नवाबों की रियासत कही जाती थी। जिसके आखिरी नवाब नवाब हमीदुल्लाह खान थे, जो मंसूर अली खान पटौदी के नाना थे। जहां केंद्र सरकार नवाब हमीदुल्लाह खान की बड़ी बेटी आबिदा को उनकी संपत्ति का हकदार बताते हुए भोपाल और उसके आसपास मौजूद तमाम संपत्ति को शत्रु संपत्ति बताती है तो वहीं सैफ अली खान और उनके परिवार अपनी दादी यानी नवाब की दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान को संपत्ति का असली हकदार बताती है। भोपाल में पटौदी परिवार कोहेफिजा स्थित अहमदाबाद पैलेस के पास फ्लैग स्टाफ हाउस पर दावा करता है, जिसकी करीब 15 हजार करोड़ से भी ज्यादा है।
यह भी पढ़ें : Saif Ali Khan के डिस्चार्ज होने के बाद पहला वीडियो वायरल, जख्मी हाथ के साथ दिखे छोटे नवाब