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अनुपम खेर ने बताया कि क्यों मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद घर नहीं ले जाना चाहिए, 21 हनुमान मंदिर सीरीज की आखिरी सीरीज में क्या है खास

Anupam Kher Explain Mehandipur balaji: अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर 21 हनुमान मंदिर सीरीज के आखिरी मंदिर दर्षण का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में अनुपम मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से जुड़े विश्वास और मान्यताओं के बारे में बताते नजर आ रहे हैं।

Edited By : Deeksha Priyadarshi | Updated: Mar 12, 2024 12:39
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Anupam Kher
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Anupam Kher Explain Mehandipur balaji: अनुपम खेर फिल्मों के अलावा अपने सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं और हर मुद्दे पर खुलकर बात करते नजर आते हैं। इसके अलावा अनुपम का नाम उन बॉलीवुड एक्टर्स में शामिल है, जो अपने यूट्यूब चैनल के जरिए अपने फैंस से जुड़े रहते हैं। इसी यूट्यूब चैनल पर करीब 5-6  महीने पहले अनुपम ने  21 हनुमान मंदिर के दर्षण की सीरीज शुरू की थी। इस सीरीज में उन्होंने देश-दुनिया के तमाम हनुमान मंदिर की कहानी और मान्यताओं के बारे में बताया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन चीजों के बारे में जान सकें।

हाल ही में अनुपम ने अपने सोशल मीडिया साइट X पर इस सीरीज के आखिरी एपिसोड का ट्रेलर शेयर किया है। इसमें अनुपम मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की खासियत बताते दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह लोग जब इस मंदिर में दर्षण करने जाते हैं तो भगवान की शक्तियों और उनके आशीर्वाद को महसूस करते हैं।

मेहंदीपुर बालाजी को लेकर क्या है मान्यता

अनुपम ने राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में बताते हुए कहा कि इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां हनुमान जी के सामने आते ही सारे भूत-प्रेत भाग जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस मंदिर का दृश्य इतना भयानक होता है कि इसके बारे में शब्दों में बताना मुश्किल है। इस मंदिर की शक्तियों को देख कर हर तर्क नतमस्तक हो जाता है।

इस मंदिर में हनुमान जी का बाल रूप, प्रेत राज सरकार रूप और भैरव बाबा रूप विराजित है। मान्यता है कि जिन भी लोगों पर नकारात्मक शक्तियों का प्रकोप होता है, वो अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए मेहंदीपुर बालाजी पहुंचते हैं। अनुपम कहते हैं इनमें कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो हर तरह का इलाज करवा कर हार जाते हैं।

क्यों मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद घर नहीं लेकर जाते लोग

इस मंदिर के लिए ये भी कहा जाता है कि यहां कुछ नियमों का सख्ती से पालन किया जाता है। यहां कुछ भी खाने-पीने की मनाही होती है। यहां तक कि इस मंदिर में पानी भी नहीं पीना चाहिए और कोई भी प्रसाद घर नहीं ले जाना चाहिए। मंदिर से दर्षण करने के बाद निकलते समय मंदिर को पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे नकारात्मक शक्तियां नुकसान पहुंचा सकती है या आपका पीछा कर के आपके घर तक पहुंच सकती हैं। कहा ये भी जाता है कि यहां मंदिर में किसी के पुजारी और भिखारी को दान में पैसे नहीं देना चाहिए। वहीं अगर किसी ने पुजा करवाई हो तो इसका प्रसाद वही खा लेना चाहिए।

इसके पहले किन मंदिरों की खासियत बता चुके हैं अनुपम

अनुपम इसके पहले भी दर्शकों को देश-दुनिया के 20 हनुमान मंदिरों का भ्रमण करवा चुके हैं। उन्होंने 21 हनुमान मंदिर की सीरीज की शुरुआत अयोध्या के हनुमानगढ़ी से की थी। इसके बाद उन्होंने कानपुर के पांकी, शिमला के जाखू, हम्पी के अंजनीयाद्री मंदिर, बेट द्वारका के डांडी, प्रयागराज के बड़े हनुमान जी, जामनगर के बाला हनुमान जी, भिंड के दंद्रुआ धाम, चित्रकूट के हनुमान धारा मंदिर, पटना का महावीर मंदिर, कैंची धाम के नीम करौली बाबा, सारंगपुर का श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सुंचीनधाम का अलामिन थानुमलायन, दिल्ली का प्राचीन हनुमान मंदिर, तमिलनाडु का नम्मक अंजनियार मंदिर, वाराणसी का संकट मोचन मंदिर और रामेश्वरम का पंचमुखी हनुमान मंदिर की मान्यताओं के बारे में बताया।

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Written By

Deeksha Priyadarshi

First published on: Mar 12, 2024 12:39 PM

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