अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों, खासकर भारतीय विद्यार्थियों के लिए राहतभरी खबर दी है। कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में पढ़ रहे हजारों विदेशी छात्रों के वीजा रद्द करने और उन्हें देश से बाहर निकालने की बात कही गई थी।
कैलिफोर्निया कोर्ट ने बताया ‘हानिकारक प्रयास’
22 मई को कैलिफोर्निया के उत्तरी जिले के फेडरल जज जेफरी व्हाइट ने अपने फैसले में ट्रंप प्रशासन की तीखी आलोचना की। उन्होंने इसे ‘हानिकारक’ और संभवतः ‘गैरकानूनी’ बताया। जज व्हाइट ने कहा कि प्रशासन के इस कदम ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की वर्तमान स्थिति पर गंभीर संकट खड़ा कर दिया है।
SEVP और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी विवाद
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) के तहत हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में विदेशी छात्रों के दाखिलों पर रोक लगाने की घोषणा की। इसके तहत छात्रों के वीजा रद्द किए जा सकते थे, जिससे भारत जैसे देशों से उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका आने वाले छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया था।
788 भारतीय छात्र प्रभावित हो सकते थे
फिलहाल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में 788 भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के आदेश से उन छात्रों पर भी असर पड़ता जो ग्रेजुएशन कर चुके हैं या आने वाले वर्षों में पढ़ाई शुरू करने वाले हैं। इस फैसले के लागू होने पर नए छात्रों को किसी अन्य यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर करना पड़ सकता था।
एक्सपर्ट्स की राय
हालांकि कोर्ट ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के केस में कोई अंतिम निर्णय नहीं दिया है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला ट्रंप प्रशासन की कानूनी स्थिति को कमजोर करता है और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के हित में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।