IAS Kanishka Kataria: कुछ लोग पैसा कमाने के लिए सिविल सेवा परीक्षा पास करने का सपना देखते हैं। मगर आज हम आपको एक ऐसे सिविल सर्वेंट की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने IAS बनने के लिए 1 करोड़ की नौकरी को लात मार दी। IIT पास करने के बावजूद उन्होंने UPSC की परीक्षा देने की ठानी और पहले ही प्रयास में रैंक वन हासिल कर ली। तो आइए जानते हैं 2018 के UPSC टॉपर कनिष्क कटारिया की कहानी।
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सिविल सेवा में नहीं थी रुचि
UPSC परीक्षा में पहली रैंक हासिल करने के बाद कनिष्क कटारिया ने बताया था कि उनके पिता और ताऊ जी सिविल सेवक थे। इसलिए उन्होंने UPSC की बजाए IIT में अपना भविष्य चुना। कनिष्क कहते हैं कि UPSC की तैयारी शुरू करने से पहले उन्हें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच का अंतर भी नहीं पता था। वो नहीं जानते थे कि भारत में चुनाव कैसे होते हैं? मगर दो साल की तैयारी ने उन्हें काफी कुछ सिखाया, नतीजतन महज 2 साल में कनिष्क उसी सिविल सेवा परीक्षा के टॉपर बने, जिसके बारे में उन्हें कुछ नहीं पता था।
दक्षिण कोरिया में मिली नौकरी
कनिष्क कटारिया ने IIT बॉम्बे से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की और नौकरी के सिलसिले में दक्षिण कोरिया चले गए। दक्षिण कोरिया की कंपनी में उन्हें 1 करोड़ का सैलरी पैकेज मिला। मगर पैसा होने के बावजूद कनिष्क को सुकून नहीं मिला। कनिष्क का कहना है कि वो अपने देश के लिए कुछ करना चाहते थे। इसलिए विदेश में 1 साल बिताने के बाद कनिष्क भारत लौट आए और उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा देने का मन बनाया।
कैसे की तैयारी?
कनिष्क ने अपनी सफलता का राज शेयर करते हुए कहा कि उन्होंने 2 साल पहले ही अखबार पढ़ना शुरू कर दिया था, जिससे उन्हें करंट अफेयर्स की जानकारी रहे। अखबार के साथ वो ऑनलाइन खबरें और मैग्जीन भी पढ़ा करते थे। UPSC के पैटर्न को समझने के लिए कनिष्क ने कोचिंग ज्वॉइन की और 11-12 महीनें बाद उन्होंने सेल्फ स्टडी पर फोकस करना शुरू कर दिया।
मैथ को बनाया वैकल्पिक विषय
कनिष्क कटारिया हर रोज 10 घंटे की पढ़ाई करते थे। वहीं जब UPSC में वैकल्पिक विषय चुनने की बारी आई तो उन्होंने अपने फेवरेट विषय गणित का चुनाव किया। ये जानने के बावजूद की गणित का सेलेबस काफी बड़ा है, कनिष्क ने 13-14 घंटो की पढ़ाई शुरू कर दी।
सोशल मीडिया से बनाई दूरी
कनिष्क ने परीक्षा से 2 महीने पहले सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बना ली थी। कनिष्क ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि परीक्षा के 2 महीने पहले उन्होंने फेसबुक और ट्विटर को पूरी तरह से डिलीट कर दिया था। इंस्टाग्राम का इस्तेमाल भी ना के बराबर था और व्हाट्सएप पर मौजूद कुछ स्टडी ग्रुप में ही कनिष्क एक्टिव रहते थे।
गर्लफ्रेंड को दिया सफलता का श्रेय
UPSC 2018 का परिणाम कनिष्क कटारिया के लिए भी काफी शॉकिंग था। इस परीक्षा में कनिष्क अव्वल आए और वो UPSC के टॉपर बन गए। देश की सबसे मुश्किल परीक्षा पास करने का श्रेय कनिष्क ने अपने माता-पिता और परिवार के अलावा गर्लफ्रेंड को भी दिया। कनिष्क के इस बयान ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। कनिष्क को राजस्थान कैडर मिला और अभी वो राज्य सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल में ज्वॉइंट सक्रेटरी के पद पर नियुक्त हैं।