CBSE 10th Topper 2025: आज की शिक्षा व्यवस्था में ज्यादातर लोग पढ़ाई के घंटों को सफलता का मापदंड मानते हैं, लेकिन रुद्र प्रताप सिंह ने यह सोच बदल दी है। CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षा में 500 में से 499 अंक लाकर उन्होंने यह साबित किया कि सफलता पाने के लिए ज्यादा देर तक पढ़ाई नहीं, बल्कि स्मार्ट और रेगुलर पढ़ाई जरूरी है।
कौन हैं रुद्र प्रताप सिंह?
रुद्र प्रताप सिंह उत्तराखंड के रुद्रपुर स्थित स्टोन रिज इंटरनेशनल स्कूल के छात्र हैं। उन्होंने सिर्फ 2 घंटे की रोजाना पढ़ाई से इतने शानदार अंक हासिल किए हैं। उनका मानना है कि “क्वालिटी पढ़ाई ज्यादा जरूरी है, ना कि क्वांटिटी।”
रुद्र ने अपनी पढ़ाई को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर रोज एक-एक लक्ष्य पूरा किया और यही उनकी सफलता की कुंजी रही।
एक बहुप्रतिभाशाली छात्र
रुद्र सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि साइंस, राइटिंग और सामाजिक गतिविधियों में भी आगे हैं। उन्होंने NASA और ISRO के यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम में हिस्सा लिया है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल चुके हैं और भारत सरकार की विकसित भारत और लीडर्स डायलॉग जैसी युवा योजनाओं में काम कर चुके हैं।
रुद्र को IIT कानपुर और IIT भुवनेश्वर से एस्ट्रोफिजिक्स के सर्टिफिकेट मिल चुके हैं। वे रूस के कीट यूनिवर्सिटी के ब्रांड एम्बेसडर भी हैं। इतना ही नहीं, वे World Record Committee (USA) द्वारा दुनिया के सबसे युवा जुवेनाइल फिक्शन लेखक के रूप में रिकॉर्ड भी बना चुके हैं।
कैसे की बोर्ड परीक्षा की तैयारी?
इतनी व्यस्तताओं के बावजूद रुद्र ने बोर्ड की तैयारी बेहद रणनीतिक तरीके से की। उन्होंने हर विषय के लिए अलग समय तय किया:
हिंदी, इंग्लिश और सोशल साइंस: 45-45 मिनट
गणित: थोड़ा ज्यादा समय, क्योंकि इसमें प्रैक्टिस जरूरी है
उनका फोकस विषयों की गहराई से समझ पाने पर रहा, ना कि रटने पर।
परिवार और डिजिटल गाइड्स का योगदान
रुद्र अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, शिक्षकों और ऑनलाइन गाइड्स जैसे PhysicsWallah को देते हैं। वे कहते हैं कि कभी-कभी जब वे खुद से निराश हो जाते थे, तब उनके माता-पिता उन पर भरोसा रखते थे और यही उनका हौसला बनता था।
ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर उनका कहना है कि जब हम ऑनलाइन क्लास में होते हैं, तो कैमरा ऑन रखना न केवल शिक्षक के लिए, बल्कि खुद की जिम्मेदारी तय करने के लिए जरूरी होता है।
जूनियर्स के लिए खास सलाह
रुद्र का संदेश है कि लंबी पढ़ाई जरूरी नहीं है, रोज की फोकस्ड और रेगुलर पढ़ाई ही सफलता की चाबी है। वे कहते हैं, “आप गलतियों से सीखिए – और अगर हो सके तो दूसरों की गलतियों से सीखिए। कभी भी घमंड न करें, सीखने की भूख हमेशा बनाए रखें।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सोशल मीडिया और छोटी-छोटी गलतियों से समय निकलता है, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे खुद को संभालना सीखा।
भविष्य की राह पर चलने वाला एक संतुलित दिमाग
रुद्र अब 11वीं कक्षा में हैं और PCM स्ट्रीम के साथ आगे की पढ़ाई कर रहे हैं। उनका सपना सिर्फ एग्जाम पास करना नहीं, बल्कि ISRO के साथ फिर से काम करना, राइटिंग को जारी रखना और युवा नीतियों में योगदान देना है। उनका मानना है कि सीखना एक जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया है, यह केवल अंकों तक सीमित नहीं।
रुद्र प्रताप सिंह ने यह सिद्ध किया है कि सफलता के लिए न तो घंटों की पढ़ाई जरूरी है और न ही किताबों का बोझ। जरूरी है तो सिर्फ एक साफ लक्ष्य, आत्म-अनुशासन और सीखने की सच्ची लगन।