नई दिल्ली: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने गुरुवार को 2019 बैच के अंतिम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों के लिए नेशनल एग्जिट टेस्ट (NExT) को स्थगित कर दिया। हालांकि, यह घोषणा नहीं की गई कि 28 जुलाई को होने वाला मॉक NExT अभी भी आयोजित किया जाएगा या नहीं।
NMC ने एक नोटिस में कहा कि, “सभी हितधारकों को सूचित किया जाता है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अगले निर्देश तक, मंत्रालय की सलाह पर नेशनल एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) परीक्षा को दिनांक 11.07.2023 को स्थगित कर दिया गया है।”
एम्स दिल्ली को मॉक टेस्ट आयोजित करने का काम सौंपा गया था। एनएमसी ने हाल ही में एनईएक्सटी नियम 2023 जारी किया था जिसमें कहा गया था कि परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिसमें एनईएक्सटी चरण 1 और एनईएक्सटी चरण 2 परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी।
एक राजपत्रित अधिसूचना में एनएमसी ने कहा कि नेक्स्ट, भारत में आधुनिक चिकित्सा की ‘प्रैक्टिस’ के लिए पंजीकरण कराने वाले चिकित्सीय स्नातक की पात्रता को प्रमाणन करने का आधार होगा और एक लाइसेंस परीक्षा के रूप में कार्य करेगा।
NMC का नोटिस
एनएमसी ने कहा कि नेक्स्ट की परीक्षा, व्यापक चिकित्सा विशिष्टताओं के साथ देश में स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए प्रवेश की पात्रता और रैंकिंग निर्धारित करने का आधार भी बनेगी और पीजी चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक प्रवेश परीक्षा के रूप में काम करेगी।
नेक्स्ट स्टेप 1 उत्तीर्ण करने के बाद विद्यार्थियों को एक साल के लिए इंटर्नशिप करनी होगी और नेक्स्ट स्टेप 1 में प्राप्त अंकों पर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में उनके दाखिले के लिए विचार किया जाएगा।
इंटर्नशिप करने के बाद मेडिकल छात्रों को नेक्स्ट स्टेप 2 उत्तीर्ण करना होगा, जिसके बाद वह भारत में आधुनिक चिकित्सा की प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस पाने और पंजीकरण कराने के पात्र हो सकेंगे। भारत में प्रैक्टिस करने के इच्छुक विदेशी मेडिकल छात्रों को नेक्स्ट स्टेप 1 में हिस्सा लेना होगा और इंटर्नशिप करनी होगी। उसके बाद उन्हें भारत में प्रैक्टिस करने का पात्र होने के लिए नेक्स्ट स्टेप 2 उत्तीर्ण करना होगा।
बीते कई दिनों से एमबीबीएस के छात्र, खासतौर पर 2019 बैच के विद्यार्थी, नेक्स्ट एग्जाम का विरोध कर रहे थे। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने पिछले गुरुवार को कहा था कि 2019 एमबीबीएस वाला बैच नेशनल एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट- NEXT ) के तहत नहीं आएगा और यह अगले बैच (2020) से लागू होगा। केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा कि केंद्र और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ऐसा कोई निर्णय नहीं लेंगे जिससे छात्रों में भ्रम पैदा हो।
क्या है नेक्स्ट परीक्षा
एनएमसी कानून के अनुसार नेक्स्ट परीक्षा ही अब एमबीबीएस फाइनल ईयर की परीक्षा होगी। एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों को अंतिम वर्ष की परीक्षा की जगह नेक्स्ट परीक्षा में बैठना होगा। इसी के जरिए उन्हें डॉक्टरी करने का लाइसेंस मिलेगा। एमडी, एमएस जैसे मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस में एडमिशन भी नेक्स्ट परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर मिलेगा। विदेश से एमबीबीएस करके आए स्टूडेंट्स को भारत में डॉक्टरी का लाइसेंस हासिल करने के लिए अभी तक एफएमजीई की परीक्षा देनी होती थी, लेकिन अब उन्हें नेक्स्ट एग्जाम में बैठना होगा। यानी एफएमजीई, नीट पीजी और एमबीबीएस फाइनल ईयर एग्जाम की जगह एक कॉमन परीक्षा नेक्स्ट होगी।