कहते हैं कि अगर परिवार हर मोड़ पर साथ दे, तो इंसान किसी भी कठिनाई को पार कर सकता है। यही बात साबित की है कल्पना रावत ने, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में ऑल इंडिया 76वीं रैंक हासिल कर यह दिखा दिया कि मजबूत इरादे और परिवार का सहयोग किसी भी सपने को सच कर सकता है। कल्पना की सफलता के पीछे न केवल उनकी मेहनत बल्कि उनके पूरे परिवार का समर्पण और सहयोग रहा।
IAS अधिकारी से हुई शादी
कल्पना रावत मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं। उनकी शादी 6 दिसंबर 2024 को बरेली निवासी और 2021 बैच के IAS अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह से हुई थी। सूर्य प्रताप सिंह वर्तमान में बिहार के रोहतास जिले की डेहरी ऑन सोन तहसील में SDM पद पर तैनात हैं। शादी के बाद भी कल्पना ने अपने सपनों का पीछा नहीं छोड़ा और तैयारी जारी रखी।
परिवार में सब एक से बढ़कर एक
कल्पना जिस परिवार का हिस्सा बनीं, वहां हर सदस्य किसी न किसी क्षेत्र में निपुण है। उनके ससुर बाबूराम गंगवार एक प्रतिष्ठित समाजसेवी और वकील हैं। सास फैशन डिजाइनर हैं, जबकि ननद थिएटर और मॉडलिंग से जुड़ी हुई हैं। उनके पति स्वयं एक आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने कल्पना को निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग दिया। यह पारिवारिक सहयोग कल्पना की सफलता का एक बड़ा कारण बना।
तीसरे प्रयास में मिली सफलता
कल्पना रावत ने यूपीएससी परीक्षा में पहले भी दो बार प्रयास किया था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी। शादी के बाद उनके पति सूर्य प्रताप सिंह, जो खुद एक आईएएस हैं, उन्होंने उन्हें इस परीक्षा की कोचिंग दी, जिसके परिणानस्वरूप तीसरे प्रयास में उन्होंने न केवल परीक्षा पास की, बल्कि पूरे देश में 76वीं रैंक हासिल की। यह उपलब्धि उन्हें आईएएस अधिकारी के रूप में नई पहचान दिलाएगी।
बिना कोचिंग, यूट्यूब और टेलीग्राम से की पढ़ाई
कल्पना ने बिना किसी कोचिंग के इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास किया। उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर यूट्यूब और टेलीग्राम जैसे डिजिटल माध्यमों से अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया। उनकी रणनीति यह थी कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को सिर्फ पढ़ाई के लिए उपयोग किया जाए और बाकी डिजिटल डिस्ट्रैक्शन्स से बचा जाए।
संघर्ष और सीख
कल्पना की कहानी हम सभी को यह सिखाती है कि अगर इरादे मजबूत हों और परिवार का साथ हो, तो असफलता भी सफलता का मार्ग बन सकती है। उन्होंने दिखाया कि दो बार असफल होने के बाद भी हार नहीं माननी चाहिए और अंत तक प्रयास करते रहना चाहिए।