IAS Himanshu Gupta 2020 Batch: सिविल सेवा परीक्षा पास करना कई युवाओं का सपना होता है। मगर इसे पूरा करने का जज्बा कुछ चुनिंदा लोगों में ही देखने को मिलता है। ऐसी ही एक कहानी है 2020 बैच के IAS रहे हिमांशु गुप्ता की। चाय की टपरी से देश की नौकरशाही तक का सफर हिमांशु के लिए आसान नहीं था। मगर उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करके IAS अधिकारी बन गए।
स्कूल जाने के लिए 70 KM का सफर
हिमांशु उत्तराखंड के उधम सिंह जिले में स्थित सितारगंज से ताल्लुक रखते हैं। हिमांशु गुप्ता का स्कूल घर से 35 किलोमीटर की दूरी पर था। ऐसे में स्कूल जाने के लिए उन्हें रोजाना 70 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था। मगर इसके बावजूद उन्होंने खूब मेहनत और लगन से पढ़ाई की और 12वीं तक की शिक्षा अपने गृह राज्य उत्तराखंड से ही पूरी की।
परिवार के पहले ग्रेजुएट
आगे की पढ़ाई के लिए हिमांशु ने राजधानी दिल्ली का रुख किया और दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान उन्होंने ना सिर्फ अपने कॉलेज में टॉप किया बल्कि ग्रेजुएशन करने वाले भी परिवार के पहले सदस्य बनें।
पिता के साथ बेची चाय
हिमांशु गुप्ता एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके पिता चाय की दुकान चलाते थे। हिमांशु अक्सर पिता की मदद करने के लिए ठेले पर चाय बेचते थे। इस बात का जिक्र करते हुए हिमांशु ने बताया था कि, चाय बेचने के दौरान अगर कभी उन्हें स्कूल के दोस्त दिख जाते तो वो ठेले के नीचे छिप जाते थे। हालांकि एक दफा किसी दोस्त ने हिमांशु को चाय बेचते हुए देख लिया और स्कूल में सभी ने उन्हें चायवाला कहकर चिढ़ाना शुरू कर दिया था।
IAS बनने का रखा लक्ष्य
दोस्तों की बातों को नजरअंदाज करके हिमांशु ने देश के बड़े पद पर बैठने का सपना देखा। हिमांशु के अनुसार चाय की दुकान पर वो अक्सर अखबार पढ़ते थे, जिससे उन्हें सिविल सेवा परीक्षा के बारे में पता चला और उन्होंने इस परीक्षा को देने का मन बनाया।
तीन बार क्रैक की UPSC
हिमांशु गुप्ता ने बिना किसी कोचिंग की मदद के 2018 में पहली बार सिविल सेवा की परीक्षा दी। उन्होंने ये परीक्षा पास तो की मगर कम रैंक की वजह से हिमांशु को इंडियन रेलवे सर्विस मिली। लिहाजा 2019 में हिमांशु ने फिर से परीक्षा देने का फैसला किया लेकिन हिमांशु का IAS बनने का सपना अभी भी अधूरा रह गया। इस बार वो भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का हिस्सा बने।
तीसरी बार में बने IAS
दो बार UPSC की परीक्षा पास करने के बावजूद हिमांशु का सपना पूरा ना हो सका। 2020 में हिमांशु तीसरी बार परीक्षा में बैठे और 139वीं रैंक हासिल की। इसी के साथ हिमांशु परिवार के पहले IAS अधिकारी बने। हिमांशु को उड़ीसा कैडर मिला। मगर बाद में उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर अलॉट कर दिया गया।