यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा के लिए हर साल लाखों उम्मीदवार आवेदन करते हैं, लेकिन केवल मुट्ठीभर उम्मीदवार ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं। वहीं, इस परीक्षा में सफलता हासिल कर चुके कुछ आईएएस अधिकारी अक्सर स्कूल की परीक्षाओं में कम अंकों से जूझने या टॉपर छात्र न होने की अपनी कहानियां साझा करते हैं, ताकि अन्य उम्मीदवारों का हौसला बढ़ सके।
मार्कशीट साझा करने का उद्देश्य
आईएएस अधिकारी द्वारा अपने 10वीं और 12वीं के मार्क्स यूपीएससी उम्मीदवारों के साथ साझा करने के पीछे का लक्ष्य उन छात्रों को प्रेरित करना है जो स्कूल में टॉप रैंकर नहीं थे। इसके अलावा उन्हें आश्वस्त करना है कि स्कूल के अंक उनकी क्षमता का अंतिम प्रतिबिंब नहीं हैं। यह संदेश देता है कि कड़ी मेहनत से कुछ भी संभव है।
10वीं में आए 44% मार्क्स
ऐसे ही एक IAS अधिकारी अवनीश शरण ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X पर अपनी शैक्षणिक यात्रा साझा की थी। अपनी कक्षा 10वीं की परीक्षा में सिर्फ 44% अंक प्राप्त करने से लेकर अपने दूसरे प्रयास में UPSC को पास करने तक, अवनीश शरण की पोस्ट छात्रों को याद दिलाती है कि एक परीक्षा या असफलता किसी के जीवन की दिशा निर्धारित नहीं करती है।
औसत छात्र होने के बावजूद बने IAS
बिहार के रहने वाले अवनीश शरण स्कूल में एक औसत छात्र थे। उन्होंने अपनी कक्षा 10वीं की परीक्षा में सिर्फ 44.7%, कक्षा 12 में 65% और ग्रेजुएशन में 60% अंक प्राप्त किए थे। हालांकि, अवनीश शरण ने प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होने के अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा।
10 बार PCS प्रीलिम्स में हुए असफल
UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) का प्रयास करने से पहले, उन्हें कई असफलताओं का सामना करना पड़ा, जिसमें UPSC केंद्रीय पुलिस बल (CPF) और संयुक्त रक्षा सेवा (CDS) परीक्षा में असफल होना शामिल है। इसके अलावा, वे 10 बार राज्य PCS प्रीलिम्स परीक्षा पास करने में भी असफल रहे।
दूसरे प्रयास में बनें IAS
हालांकि, अवनीश शरण की दृढ़ता ने उन्हें अंतत: सफलता दिलाई। वे UPSC CSE में अपने पहले प्रयास में इंटरव्यू चरण तक पहुंच गए, लेकिन वे मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना सके। लेकिन अपने दूसरे प्रयास में, उन्होंने एक प्रभावशाली ऑल इंडिया 77वीं रैंक प्राप्त की, जिससे IAS अधिकारी बनने का उनका सपना साकार हुआ।
साल 2009 में, अवनीश शरण को IAS अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया और वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कार्यरत हैं। पिछले कुछ सालों में, उन्होंने उम्मीदवारों को प्रेरित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रेरक कहानियां और व्यक्तिगत अनुभव साझा किए हैं।