Mutual Fund: बीते कुछ सालों में इन्वेस्टमेंट के कई तरीके सामने आई है और म्यूचुअल फंड इनमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ऑप्शन बन गया है। MF में इन्वेस्ट का सबसे आसान तरीका SIP है, जिसमें आप एक निश्चित राशि को नियमित रूप से निवेश करते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि अलग-अलग तरह की SIP में इन्वेस्ट करने के साथ-साथ इसके अलग-अलग नियम हैं। इन नियमों का सही तरीके से पालन न केवल आपको निवेश को समझने में मदद करता है, बल्कि आपके इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
यहां हम ‘7-5-3-1’ नियम की बात कर रहे हैं, जो आपको केवल म्यूचुअल फंड में SIP इन्वेस्टमेंट के जरिए अमीर बना सकता है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
क्या है 7-5-3-1 नियम?
सबसे पहले नियम के पहले नंबर यानी 7 की बात करते हैं। ये 7 नंबर इन्वेस्टमेंट के लॉग टर्म के होने की ओर इशारा करता है। बता दें कि इन्वेस्टमेंट की दुनिया में समय हमारा जरूरी प्वाइंट होता है। 7-5-3-1 नियम का पहला रूल है कि आपको 7 से ज्यादा सालों के लिए निवेश करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो यह न केवल आपको बेहतर रिटर्न देता है, बल्कि आपके कॉर्पस को भी बढ़ाने में मदद करता है।
5 फिंगर फ्रेमवर्क
डायवर्सिफिकेशन एक ऐसा विकल्प है, जो आपके जोखिम भरे पोर्टफोलियो को स्टेबिलिटी देता है। 5 फिंगर फ्रेमवर्क की बात करें तो यह SIP के 7-5-3-1 रूल का दूसरा सबसे अहम हिस्सा है। इसमें आपको 5 प्वाइंट पर ध्यान रखना होगा। ये एक तरह के स्किल सेट है, जिसके तहत आप अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बना सकते हैं।
हाई क्वालिटी वाले स्टॉक आपके पोर्टफोलियो को बेहतर बनाते हैं। ये पोर्टफोलियो के स्टेबल बनाते हैं। ऐसे में ऐसी कंपनियों में निवेश करें, जो स्टेबल है और जिनका परफॉर्मेंस काफी अच्छा बना हुआ हैं।ये कंपनी मार्केट डाउन होने पर भी आपके इन्वेस्ट के लिए सहारा बनेंगी।
वैल्यू स्टॉक को अक्सर कम आंका जाता है, लेकिन ये आपके पैसे के लिए एक अच्छा अमाउंट दे सकते हैं और आपके इन्वेस्टमेंट को सुरक्षित रख सकते हैं खासकर तब जब मार्केट अशांत हो।
तीसरा प्वाइंट GARP के लिए जाएं क्योंकि ये स्टॉक तेजी से बढ़ रहे हैं, जो फ्यूचर में बेहतर विकास का वादा करते हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि ये ज्यादा जोखिम के बिना हाई रिटर्न दे सकते हैं। मिड/स्मॉल कैप कंपनियों की तलाश करके इनमें इन्वेस्ट करें, इन कंपनियों में बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है और ये आपको बेहतरीन इंटरेस्ट दे सकती है।
ऐसे स्टॉक की तलाश करें, जो ग्लोबल हो। ये आपके निवेश को स्थानीय आर्थिक मंदी से सुरक्षित रहते हैं। ग्लोबल स्तर पर निवेश करने से बेहतर अवसर और जोखिमों से बचाव आसान हो सकता है।
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3 मेंटल फाइट्स
ये 7-5-3-1 रूल का तीसरा प्वाइंट है, जो बेहतर इन्वेस्टमेंट के लिए जरूरी है। भारत में इक्विटी निवेश करते समय आपको विफलता या नुकसान के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर आप इक्विटी में निवेश कर रहे हैं तो इस सच्चाई को स्वीकार करना जरूरी है। इन्वेस्टमेंट के समय आपको कभी-कभी फायदा होगा और कभी-कभी असफलता भी मिलेगी। इन्हें ही मेंटल फाइट्स कहते हैं, जिसमें – मुनाफ़ा कमाने की जल्दी, मायूस महसूस करना और पैनिक फेज शामिल है।
हर साल SIP बढ़ाना
ये 7-5-3-1 रूल में 1 का मतलब ये है कि आपको हर साल अपनी SIP को बढ़ाना होगा। हर साल अपनी एसआईपी राशि को एक कुछ परसेंट या अमाउंट से बढ़ाकर आप अपनी जमा राशि को और बढ़ा सकते हैं। इससे आपको बेहतर रिटर्न मिलता है।