Voter Id Card Cancellation: 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग शुरू हो जाएगी। इस दिन 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। ऐसे में सरकार ने फर्जी वोटिंग को रोकने की कोशिश शुरू की है। दरअसल, भारत में कई लोग ऐसे हैं, जिनका दो अलग मतदाता सूचियों में नाम शामिल है। अगर ऐसा है तो इसे तुरंत निरस्त करवाएं, नहीं तो आप पर कानूनी हो सकती है। इतना ही नहीं आपको जेल भी हो सकती है।
एक व्यक्ति के कैसे बन जाते हैं दो वोटर आईडी कार्ड
कई लोग अपने स्थाई और अस्थाई दोनों ही पते से वोटर आईडी कार्ड बनवा लेते हैं। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि कोई भी व्यक्ति पहले एक जगह पर रह रहा होता है तो वहां का वोटर आईडी कार्ड बनवाता है। वही व्यक्ति बाद में अपने जॉब या किसी भी कारण से दूसरे जगह पर स्थानांतरित हो जाता है। वो व्यक्ति पहले वोटर आईडी कार्ड को निरस्त किए बिना दूसरी जगह से भी वोटर आईडी कार्ड बनवा लेता है। ऐसे स्थिति में उस एक व्यक्ति का नाम दोनों ही जगहों के वोटर लिस्ट में शामिल रहेगा। ऐसे में वो व्यक्ति अगर दोनों ही जगहों से वोट दे दे तो इस स्थिति को ही फर्जी वोटिंग का नाम दिया जा सकता है।
इसे रोकने के लिए क्या कर रहा निर्वाचन आयोग
निर्वाचन आयोग ने फर्जी वोटिंग को रोकने और फर्जी वोटर कार्ड की पहचान करने के लिए ही वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया शुरू की है। ऐसे में व्यक्ति का एक ही वोटर आईडी कार्ड आधार से लिंक हो पाएगा।
ये भी पढ़ें- गलत जगह पैसे कर दिए हैं ट्रांसफर? ऐसे मिल सकेंगे पैसे वापस
दो वोटर आईडी कार्ड होने पर सजा का प्रावधान
सरकार चुनाव से पहले से लोगों को अपने वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के लिए कह रही है। इसके बाद अगर किसी के पास दो वोटर आईडी कार्ड मिलता है तो कानूनी प्रक्रिया के अनुसार उसे 1 साल की सजा हो सकती है।
वोटर आईडी कार्ड निरस्त करने के लिए फॉलो करें ये प्रोसेस
- अगर आपके पास दो वोटर आईडी कार्ड है तो एक को रद्द करने के लिए फॉर्म 7 भरकर जमा कर सकते हैं।
- इस फॉर्म को आप ऑनलाइन या फिर करीबी निर्वाचन कार्यालय से ले सकते हैं।
- फॉर्म में आपको अपना वोटर लिस्ट से नाम रद्द करने के लिए जरूरी डिटेल्स भरने होंगे और इसके हस्ताक्षर करें।
- इसके बाद फॉर्म को संबंधित अधिकारी के पास जमा करें। इसके अलावा चाहें तो फॉर्म को भर कर पोस्ट के जरिए भी संबंधित अधिकारी को भेज सकते हैं।