वाराणसी जाने वालों के खुशखबरी है. अब खजुराहो और वाराणसी को जोड़ने वाली एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन आ रही है. यह मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन शहरों को उत्तर प्रदेश से जोड़ेगी. नई ट्रेन पर्यटकों को और अधिक सुविधा देगी और बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में भी योगदान देगी.
कब शुरू होगी ये ट्रेन
भारतीय रेलवे ने हाल ही में खजुराहो-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस की घोषणा की है. यह नई सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन ऐतिहासिक शहर खजुराहो को पवित्र नगरी वाराणसी से जोड़ेगी. इससे पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए दोनों स्थानों के बीच यात्रा आसान हो जाएगी. रेल मंत्रालय ने समय-सारिणी जारी कर दी है, लेकिन अभी तक इसकी शुरुआत की तारीख की घोषणा नहीं की है. अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही तारीख की घोषणा की जाएगी.
क्या होगी टाइमिंग
खजुराहो-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस समय-सारिणी के अनुसार, ट्रेन वाराणसी से सुबह 5.25 बजे प्रस्थान करेगी और दोपहर 1.10 बजे खजुराहो पहुंचेगी. रास्ते में यह ट्रेन विंध्याचल, प्रयागराज, चित्रकूट धाम, बांदा, महोबा जैसे महत्वपूर्ण शहरों में रुकेगी. वापसी में, ट्रेन खजुराहो से दोपहर 2.20 बजे प्रस्थान करेगी और रात 11 बजे वाराणसी पहुंचेगी.
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यह नई वंदे भारत ट्रेन बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन साबित होगी. यह मार्ग पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी होगा क्योंकि यह धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक नगरों को जोड़ता है. पर्यटकों, श्रद्धालुओं, इतिहास प्रेमियों आदि सभी वर्गों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा. स्थानीय व्यवसायों को भी नए अवसर प्राप्त होंगे. वाराणसी से तीन वंदे भारत ट्रेनें पहले से ही चल रही हैं.
वाराणसी-नई दिल्ली मार्ग पर दो वंदे भारत ट्रेनें हैं. इनमें से एक वाराणसी से सुबह 6 बजे और दूसरी दोपहर 3 बजे रवाना होती है. वाराणसी से रांची के लिए शाम 4 बजे एक और वंदे भारत ट्रेन है. हाल ही में शुरू की गई खजुराहो-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह 5.25 बजे वाराणसी से रवाना होगी. यह वाराणसी से चौथी वंदे भारत ट्रेन है.
हैदराबाद से तीन वंदे भारत ट्रेनें पहले से ही चल रही हैं. सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, सिकंदराबाद-तिरुपति और काचीगुड़ा-यशवंतपुर मार्गों पर वंदे भारत ट्रेनें पहले से ही सफलतापूर्वक चल रही हैं. हैदराबाद-नागपुर, हैदराबाद-पुणे और सिकंदराबाद-नांदेड़ रूट पर नई वंदे भारत ट्रेनें चलाने की भी योजना है. रेलवे जल्द ही सिकंदराबाद-पुणे शताब्दी एक्सप्रेस की जगह एक वंदे भारत ट्रेन चलाने पर विचार कर रहा है.










