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Union Budget 2025: नया रिजीम अच्छा या पुराना; टैक्स सिस्टम में क्या-क्या हुए बदलाव? जानें सब कुछ

Union Budget 2025-26: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश कर दिया है। बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है। नए टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम को टैक्स फ्री कर दिया गया है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Feb 1, 2025 19:46
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Finance Minister Nirmala Sitharaman

Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना लगातार 8वां बजट पेश किया। मिडिल क्लास को बड़ी राहत देने की कोशिश की गई है। सरकार चाह रही है कि आम आदमी की बचत बढ़े, ताकि खपत में इजाफा किया जा सके। अगर खपत में इजाफा होगा तो अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज होगी। बजट में रिवाइज्ड टैक्स स्लैब का ब्योरा दिया गया है। लोगों में कन्फ्यूजन है कि नया रिजीम अच्छा रहेगा कि पुराना।

इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। नए टैक्स रिजीम के तहत अब सैलरी पाने वाले शख्स को 4 लाख रुपये की सालाना आय पर टैक्स नहीं देना होगा। 4 से 8 लाख की आय तक 5 फीसदी टैक्स लगेगा। 8-12 लाख पर 10 फीसदी और 12-16 लाख पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा। वहीं, 16-20 लाख पर 20 फीसदी और 20-24 लाख पर 25 फीसदी टैक्स देना होगा।

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इससे पहले टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक की सालाना आय पर जीरो टैक्स लगता था। अब सरकार ने लिमिट 1 लाख रुपये बढ़ा दी है। पहले 3-7 लाख पर 5 फीसदी टैक्स लगता था, अब 4-8 लाख पर लगेगा। पहले 7-10 लाख सालाना आय पर 10 फीसदी टैक्स था, अब यह टैक्स 8-12 लाख आय पर लगेगा। 12-15 लाख आय स्लैब पर पहले 15 फीसदी टैक्स था। अब यह 12-16 लाख स्लैब पर लागू होगा।

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15 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर लगने वाले 30 फीसदी टैक्स को अब टुकड़ों में बांटा गया है। अब 16-20 लाख वालों को 20 फीसदी, 20-24 लाख आय वालों को 25 फीसदी और इससे अधिक आय सालाना वालों को 30 फीसदी टैक्स देना होगा। अब 4 लाख सालाना आय पर टैक्स हटा दिया गया है। अगर आय 4 से 8 लाख के बीच है तो 5 फीसदी यानी 20 हजार रुपये टैक्स लगेगा।

वहीं, 8 से 12 लाख के बीच 10 फीसदी यानी 40 हजार रुपये टैक्स लगेगा। 12 से 16 लाख के बीच 15 फीसदी टैक्स लगेगा, जो 60 हजार रुपये होगा। ऐसे में कुल टैक्स की रकम 120000 हजार रुपये होगी। पुराने स्लैब के हिसाब से सबको मिलाया जाए तो यह रकम 170000 है, यानी अब 50 हजार रुपये कम टैक्स देना होगा।

उच्च सैलरी वालों को भी राहत

अब ज्यादा सैलरी वालों को नए स्लैब से हिसाब से सीधा 1 लाख का फायदा होगा। यानी जो व्यक्ति साल में 50 लाख रुपये से अधिक कमाता है तो उसे नए स्लैब के हिसाब से 10 लाख 80 हजार रुपये टैक्स देना होगा। पहले उसे इससे 110000 रुपये ज्यादा देने पड़ते थे। नए रिजीम का उद्देश्य लोगों के हाथ में ज्यादा से ज्यादा पैसा देना है, ताकि खपत में इजाफा हो। सरकार ने उच्च सैलरी वालों को कुछ राहत दी है।

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बजट में स्पष्ट नहीं किया गया है कि संशोधित स्लैब उनके लिए है, जो न्यू टैक्स रिजीम को चुन रहे हैं। सरकार टैक्स सिस्टम प्रणाली को सरल करना चाह रही है। लोग ज्यादा से ज्यादा टैक्स सिस्टम से जुड़ें, सरकार का यही प्रयास है। प्रक्रिया कठिन होने की वजह से काफी लोग इससे नहीं जुड़ पाते। वित्त मंत्री के भाषण में कहीं ओल्ड टैक्स रिजीम का जिक्र नहीं दिखा। इससे साफ है कि अभी पुरानी टैक्स प्रणाली में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

टैक्स डिडक्शन को समझिए

टैक्स डिडक्शन पर भी काफी कुछ निर्भर करता है। अगर आप 16 लाख रुपये सालाना कमाते हैं और डिडक्शन 4 लाख दिखाते हैं तो आपकी टैक्सेबल इनकम 12 लाख रुपये होगी। ऐसे में आपको पुरानी रिजीम के हिसाब से 177500 रुपये टैक्स देना होता था, जबकि नए रिजीम के हिसाब से टैक्स राशि के तौर पर 125500 का भुगतान करना होगा। यानी अब आपको 52000 रुपये कम चुकाने होंगे।

नई व्यवस्था को अपनाने से टैक्सपेयर्स को PPF और गारंटीड रिटर्न बीमा पॉलिसियों में निवेश करने की अनिवार्यता से भी छूट मिलेगी। उनके हाथ में ज्यादा पैसा आएगा, जिससे वे ज्यादा निवेश कर सकेंगे। सरकार को इससे पीपीएफ जैसी योजनाओं पर ब्याज का अधिक भुगतान करने से भी छूट मिलेगी। नई व्यवस्था का उद्देश्य मेडिक्लेम जैसी बचत योजनाओं में निवेश के प्रति लोगों को आकर्षित करना है।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Feb 01, 2025 07:33 PM

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