Silver Gold Return in June 2024 : सोने-चांदी में निवेश करने वालों के लिए जून का महीना खराब रहा। इस महीने दोनों धातुओं का रिटर्न नकारात्मक रहा। एक महीने पहले यानी मई में चांदी ने जबरदस्त रिटर्न दिया था और निवेशकों की झोली भर दी थी। जून में इसके बिल्कुल उलट हुआ। वहीं सोने भी इस महीने काफी कमजोर रहा। दूसरी तरफ इस महीने सोना-चांदी खरीदने वालों की मौज रही। इन धातुओं के सस्ते होने से खरीदारों की चांदी हो गई।
सोने ने निवेशकों की गंवाई रकम
सोने को निवेश के लिहाज से काफी अच्छी धातु माना जाता है। लेकिन पिछले 3 महीने से इससे मिलने वाले रिटर्न में लगातार कमी आ रही है। जून में निवेशकों को बिल्कुल भी रिटर्न नहीं मिला, बल्कि रकम कुछ डूब और गई।
22 कैरेट का सोना : जून में 22 कैरेट का सोना 0.38 फीसदी की गिरावट के साथ 250 रुपये सस्ता हुआ। 1 जून को इस सोने की कीमत 66,500 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। 29 जून को यह 250 रुपये गिरकर 66,250 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया।
24 कैरेट का सोना : जून में 24 कैरेट के सोने में भी गिरावट आई। यह सोना इस महीने 0.37 फीसदी गिर गया। 1 जून को यह 72,550 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। 29 जून को यह 72,280 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। जून में इसमें 270 रुपये की गिरावट आई।
चांदी ने उड़ाया निवेशकों का रंग
जून में चांदी की चमक फीकी रही। इसने निवेशकों का रंग उड़ा दिया। मई में चांदी ने जिस तरह से रिटर्न दिया था, उससे निवेशकों को उम्मीद थी कि यह इस महीने भी अच्छा रिटर्न देगी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जून में चांदी की कीमत 3.74 फीसदी गिर गई। 1 जून को चांदी 93,500 रुपये प्रति किलो थी। 29 जून को यह 90 हजार रुपये प्रति किलो पर आ गई। ऐसे में इस महीने चांदी ने निवेशकों का 3500 रुपये प्रति किलो का नुकसान किया। वहीं मई में चांदी ने निवेशकों को 15 फीसदी का रिटर्न दिया था। निवेशकों को एक किलो चांदी पर 12,500 रुपये का फायदा हुआ था।
आगे क्या होगी कीमत
सोने और चांदी की कीमत आने वाले समय में बढ़ सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में हलचल के अलावा भारत में जून में शादी का कोई मुहुर्त न होने से भी इन धातुओं की कीमत पर असर नहीं पड़ा। जुलाई में शादियों के कुछ मुहुर्त हैं। ऐसे में माना जा रहा है इनकी कीमत में वृद्धि हो सकती है। वहीं अगले महीने यानी जुलाई में सरकार बजट भी पेश करेगी। माना जा रहा है कि सरकार सोने और चांदी पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को कम कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो इनकी कीमत और कम हो जाएगी।
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