---विज्ञापन---

बिहार, यूपी और झारखंड में तेजी से बढ़ सकते हैं चावल के दाम, ये है बड़ी वजह

नई दिल्ली: इस बार देश के उत्तरी मैदानी इलाकों में कम बारिश हुई है। खासकर गंगा के इलाकों में बारिश का अभाव रहा है। इससे आने वाले समय में इन क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों की महंगाई और बढ़ सकती है। इसका मुख्य कारण कम वर्षा के कारण धान का उत्पादन कम होना है। इसका सबसे […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Oct 6, 2022 11:56
Share :

नई दिल्ली: इस बार देश के उत्तरी मैदानी इलाकों में कम बारिश हुई है। खासकर गंगा के इलाकों में बारिश का अभाव रहा है। इससे आने वाले समय में इन क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों की महंगाई और बढ़ सकती है। इसका मुख्य कारण कम वर्षा के कारण धान का उत्पादन कम होना है। इसका सबसे बुरा असर चावल की कीमतों पर देखा जा सकता है और चावल के दाम बढ़ सकते हैं। इसके पीछे मुख्य कारण मानसून को बताया जा रहा है।

अभी पढ़ें PM Jan Dhan Yojana: बहुत आसानी से 1.30 लाख रुपये तक का उठा सकते हैं फायदा, कमाल की है ये स्कीम

---विज्ञापन---

देश के प्रमुख कृषि प्रधान राज्यों बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में कम बारिश दर्ज की गई है। मानसून के आखिरी दिनों में हल्की बारिश हुई थी, लेकिन शुरुआती दिनों में इसमें भारी कमी देखी गई। इस वजह से लोगों ने धान की बुआई बहुत कम की। रोपाई करने पर भी सिंचाई के अभाव में उपज नष्ट हो जाती है। इस तरह बिहार, झारखंड और यूपी में जहां सबसे ज्यादा धान की खेती होती है, इस बार धान की खेती बहुत कम हुई। इसलिए आने वाले दिनों में चावल के दाम और बढ़ने की उम्मीद है। महंगाई का असर अब दिखने लगा है।

स्टडी में सामने आई ये बात

इंडिया रेटिंग्स के एक अध्ययन से पता चलता है कि मैदानी राज्यों में खरीफ धान की खेती पिछले साल की तुलना में कम हुई है। यह आंकड़ा 23 सितंबर तक का है। पिछले साल इन राज्यों में धान की खेती 26 फीसदी तक थी, लेकिन इस बार यह घटकर 24.1 फीसदी पर आ गई है। इससे धान की उपज कम होने की संभावना बढ़ गई है। वर्ष 2022 के लिए मानसून सामान्य से अधिक रहा है, लेकिन पूरे क्षेत्रों में एक समान वर्षा नहीं हुई है। 30 सितंबर तक, बारिश 92.5 सेमी अच्छी थी, जो 86.86 सेमी की लंबी अवधि के औसत (एलपीए) से 6 प्रतिशत अधिक है।

---विज्ञापन---

वहीं, देश के 12 राज्यों में सामान्य और औसत से अधिक बारिश हुई है। वहीं, 18 राज्यों में सामान्य बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, छह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कम बारिश दर्ज की गई और इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे प्रमुख खरीफ फसल उत्पादक राज्य शामिल हैं। वर्षा कम होने से 1.2 प्रतिशत कम धान बोया गया है। यह आंकड़ा 23 सितंबर तक का है। धान (5.5 फीसदी), दलहन (3.9 फीसदी) और तिलहन (0.8 फीसदी) की बुवाई में गिरावट आई है।

अभी पढ़ें WhatsApp का यह फीचर आपको स्क्रीनशॉट नहीं लेने देगा, अपनी सेफ्टी को ऐसे करें मजबूत

चावल और चावल से संबंधित उत्पादों की थोक दरें पहले ही बढ़ चुकी हैं। अगस्त महीने तक इसमें 6.6 फीसदी की तेजी आई है, जो कि पिछले 63 महीनों की बढ़त है। इसकी तुलना में तेल और दालों की थोक महंगाई कम है। इसमें पिछले छह महीने की वृद्धि देखी जा रही है, जो 2.6 पर पहुंच गई है। हालांकि, लौटते मानसून ने सितंबर-अक्टूबर में अच्छी बारिश ला दी है। आगे भी संभावना है जिससे रबी की फसल अच्छी रहने की उम्मीद है।

अभी पढ़ें – बिजनेस से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

HISTORY

Edited By

Nitin Arora

Edited By

Manish Shukla

First published on: Oct 05, 2022 11:22 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें