Online Gaming TDS: ऑनलाइन गेमिंग एप्लिकेशन पर नए रूल लागू होने जा रहे हैं। 1 अप्रैल, 2023 से पहले के मुकाबले जीती हुई हर रकम पर TDS (कर कटौती) कटेगा। हर लेनदेन के लिए टीडीएस देनदारी बढ़ाना एक बड़ी बाधा बन सकती है। इसी कारण ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने टीडीएस और वस्तु एवं सेवा कर (GST) में बदलाव करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO) से संपर्क किया है।
23 फरवरी को, ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF), ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS) सहित तीन ऑनलाइन गेमिंग उद्योग निकायों ने टीडीएस व्यवस्था में बदलावों पर पुनर्विचार करने के लिए सीबीडीटी को पत्र लिखा है। हालांकि, अब नए रूल 1 अप्रैल से प्रभाव में आएंगे।
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इससे पहले पीएमओ को 9 फरवरी को एक पत्र में ऑनलाइन गेमिंग को जुए, घुड़दौड़ और कैसिनो के साथ न जोड़ने का अनुरोध किया गया था। बता दें कि इन जैसे लैटर क्षेत्रों पर 28 प्रतिशत जीएसटी का उच्चतम टैक्स लगाया जाता है, जिसे गलत काम के रूप में देखा जाता है।
कमाई पर कैसे तय होगा TDS
वर्तमान में, ऑनलाइन गेमिंग फर्मों द्वारा ₹10,000 से अधिक की जीत पर 30 प्रतिशत टीडीएस चार्ज किया जाता है। हालांकि, अब बजट में हुई नई घोषणा के बाद 1 अप्रैल 2023 से ऑनलाइन गेमिंग में जीती हुई किसी भी राशि पर अब टैक्स यानी टीडीएस देना होगा। फिलहाल ऑनलाइन गेम में अगर कोई 10000 से कम की रकम जीतता है तो उसे कोई टीडीएस नहीं देना होता।
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ऑनलाइन गेमिंग उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग में भारत के लिए अगली बड़ी नए युग की निर्यात अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने की क्षमता है, लेकिन 28 प्रतिशत जीएसटी लागू करने से यह क्षेत्र समय से पहले ही दम तोड़ देगा। कहा गया कि इस क्षेत्र में कुछ नई कंपनियां है, जो शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाएंगी। बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां वर्तमान में अपने सकल राजस्व पर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं।
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