Festive Season No Cost EMI: देश में अभी सेल का दौर चल रहा है। फेस्टिव सीजन के लिए सभी कंपनियां अलग-अलग प्लान के साथ मार्केट में आईं हैं। इन दिनों युवाओं के बीच नो कॉस्ट ईएमआई (No Cost EMI) का क्रेज देखने को मिल रहा है। सेल में No Cost EMI के हिस्से की बात करें तो 40 फीसदी टोटल सेल में शामिल है। लेकिन No Cost EMI देखने में जितना अच्छा लगता है, उसके पीछे उतना ही नुकसान है। No Cost EMI के फेर में युवा फंस कर हजारों का अपना नुकसान कर रहे हैं।
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No Cost EMI के जरिए खो देते हैं डिस्काउंट का फायदा
मान लीजिए अगर आप No Cost EMI का यूज नहीं करते हैं तो MRP पर कुछ डिस्काउंट आप ले सकते हैं। पर No Cost EMI के लिए MRP ही को फाइनल माना जाएगा। यानी मान लीजिए किसी लैपटॉप की कीमत 50,000 है तो No Cost EMI में EMI एक्चुअल कॉस्ट यानी 50,000 पर ही बनेगी। वहीं बिना No Cost EMI के 50,000 पर हो सकता है कि 2000 का कैश डिस्काउंट मिल जाए।
छिपे हुए GST का सच
इसके आलावा No Cost EMI में EMI के दो पॉर्शन होते हैं, जिसमें एक पॉर्शन पर GST लगता है। लेकिन दुकानदार या फिर ऑनलाइन कंपनी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं देते हैं, जिससे टैक्स का बर्डन ग्राहक को लेना पड़ता है। और इसके बारे में जब पता चलता है तब तक देर हो गई होती है।
कार्ड की फीस का पेंच फंसा
इसके अलावा आप जितना क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करेंगे उतना ही क्रेडिट कार्ड की फीस में आप फंसेंगे। हालांकि आपको लगेगा कि EMI पर टैक्स बचा लिया, पर कान इधर से पकड़ें या उधर से, बात एक ही है।