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सिर्फ एक कर्मचारी को रोकने के लिए Google ने ऑफर किए 830 करोड़, YouTube के CEO ने खुद खोला राज

अगर कोई कंपनी आपको रोकने के लिए आपको 830 करोड़ रुपये दे दे, तो कैसा लगेगा? ये कोई कहानी नहीं, बल्कि सच है। YouTube के CEO नील मोहन के साथ Google ने ऐसा किया ताकि वे ट्विटर न चले जाएं। आइए जानते हैं।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 28, 2025 16:33
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अगर कोई कंपनी आपको सिर्फ इसलिए 100 मिलियन डॉलर (करीब 830 करोड़ रुपये) दे दे ताकि आप नौकरी न छोड़ें, तो कैसा लगेगा? यह कोई फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि सच्ची घटना है। YouTube के CEO नील मोहन के साथ ऐसा ही हुआ था। Google ने उन्हें सिर्फ इसलिए इतनी बड़ी रकम दी, ताकि वे ट्विटर न जॉइन करें। यह खुलासा हाल ही में Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामत के पॉडकास्ट में हुआ। आइए जानते हैं इस दिलचस्प कहानी के पीछे की पूरी सच्चाई।

गूगल ने एक कर्मचारी को रोकने के लिए दिया करोड़ों का ऑफर

हाल ही में Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामत के पॉडकास्ट में YouTube के CEO नील मोहन ने एक बड़ा खुलासा किया। इस पॉडकास्ट के दौरान बातों-बातों में निखिल कामत ने बताया कि उन्होंने कहीं पढ़ा था कि Google ने नील मोहन को कंपनी छोड़ने से रोकने के लिए 100 मिलियन डॉलर (करीब 830 करोड़ रुपये) की पेशकश की थी। यह बात 15 साल पुरानी है, लेकिन इतनी बड़ी रकम उस समय भी बहुत मायने रखती थी। नील मोहन ने इस बात से इनकार नहीं किया, जिससे यह साफ हो गया कि यह सच है। खबर अभी अपडेट की जा रही है।

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गूगल और ट्विटर के बीच नील मोहन को लेकर हुई थी खींचतान

साल 2011 में नील मोहन Google के एक अहम प्रोडक्ट लीडर थे और ट्विटर उन्हें अपनी टीम में शामिल करना चाहता था। ट्विटर में उस वक्त नील के पुराने बॉस डेविड रोसेनब्लैट काम कर रहे थे, जिन्होंने उन्हें चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर के तौर पर बुलाया था। लेकिन Google ने इससे पहले ही नील को रोकने के लिए एक बड़ी रकम की पेशकश कर दी। रिपोर्ट्स के अनुसार, गूगल ने उन्हें 100 मिलियन डॉलर के स्टॉक ग्रांट दिए, जो कई सालों में धीरे-धीरे मिलते रहते हैं। इसी तरह, उस समय गूगल ने सुंदर पिचाई को ट्विटर जाने से रोकने के लिए 50 मिलियन डॉलर दिए थे।

नील मोहन का करियर सफर रहा है बेहद खास और प्रेरणादायक

नील मोहन का करियर भी बेहद प्रेरणादायक है। उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और 1994 में एंडरसन कंसल्टिंग से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने नेटग्रैविटी नामक स्टार्टअप में काम किया, जिसे बाद में ‘डबलक्लिक’ ने खरीदा। डबलक्लिक में वे वाइस प्रेसिडेंट बने और जब Google ने 2007 में डबलक्लिक को 3.1 बिलियन डॉलर में खरीदा, तो नील Google में शामिल हो गए। यहां उन्होंने प्रोडक्ट डिवेलपमेंट की दिशा में अहम भूमिका निभाई और 2015 में उन्हें YouTube का चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर बनाया गया।

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आज यूट्यूब को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं नील मोहन

साल 2023 में नील मोहन YouTube के CEO बने और तब से उन्होंने इस प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाने के कई कदम उठाए हैं। वे स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस की एडवाइजरी काउंसिल में भी हैं और काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस के सदस्य भी हैं। नील मोहन की यह कहानी बताती है कि अगर कोई व्यक्ति अपने काम में बहुत अच्छा हो जाता है, तो बड़ी-बड़ी कंपनियां उसे अपने साथ रखने के लिए बहुत कुछ कर सकती हैं।

First published on: May 28, 2025 03:50 PM

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