भारत के कृषि निर्यात में मसालों, कॉफी, तम्बाकू और चाय जैसी प्रमुख प्लांटेशन फसलों की हिस्सेदारी में इजाफा हुआ है। 2023-24 में इनकी संयुक्त हिस्सेदारी लगभग 16 प्रतिशत थी, जिसमें 2024-25 में 17.1% का उछाल आया है। इस तरह यह 7.82 अरब डॉलर से बढ़कर 9.16 अरब डॉलर हो गई है।
इस तरह आई तेजी
वाणिज्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 में मसालों के निर्यात में 4.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है, जो एक साल पहले के 4.25 अरब डॉलर से बढ़कर 4.45 बिलियन डॉलर हो गया है। चाय का शिपमेंट 0.83 अरब डॉलर से 10.8 प्रतिशत बढ़कर 0.92 अरब डॉलर पहुंच गया। वहीं, तम्बाकू का निर्यात 36.6 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि के साथ 1.98 अरब डॉलर हो गया है। इसी तरह, कॉफी का एक्सपोर्ट 1.29 अरब डॉलर से 40.3 प्रतिशत बढ़कर 1.81 अरब डॉलर हो गया है।
दुनिया में बढ़ी डिमांड
तम्बाकू निर्यात पर टिप्पणी करते हुए एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा कि 2014-15 में तम्बाकू एक्सपोर्ट 0.88 अरब डॉलर से 0.98 अरब डॉलर के बीच था। इसका शिपमेंट पहली बार 2022-23 में 1 अरब डॉलर को पार कर गया और अब 2 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है। इससे पता चलता है कि भारत के तम्बाकू की डिमांड दुनिया में कितनी तेजी से बढ़ी है।
कुल निर्यात में इजाफा
वहीं, वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का वस्तु निर्यात इस साल मार्च में मामूली 0.7 प्रतिशत बढ़कर 41.97 अरब डॉलर रहा है। इसी के साथ भारत का व्यापार घाटा भी बढ़ा है। दूसरी तरफ, मार्च महीने में आयात 11.3 प्रतिशत बढ़कर 63.51 अरब डॉलर हो गया। आंकड़ों से पता चलता है कि पूरे वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान देश का निर्यात महज 0.08% बढ़कर 437.42 अरब डॉलर रहा। जबकि आयात 6.62% की उछाल के साथ 720.24 अरब डॉलर रहा। इससे व्यापार घाटे में इजाफा हो गया।
एक्सपोर्ट को मिली गति
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बताया कि इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक, औषधि, सभी प्रकार के कपड़ों से तैयार वस्त्र, चावल, सूती धागे/कपड़े, प्लास्टिक, कॉफी, मसाले, चाय और तम्बाकू जैसे क्षेत्रों से निर्यात को गति मिली है। इंजीनियरिंग निर्यात 2024-25 में 116.67 अरब डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 109.3 अरब डॉलर था। ऐसे ही इलेक्ट्रॉनिक निर्यात 38.38 अरब डॉलर और औषधि निर्यात 30.47 अरब डॉलर रहा है।