Bihar Election 2025 Update: पटना साहिब इस चुनावी मौसम में ध्यान आकर्षित कर रहा है क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार शशांत शेखर विदेश में अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रख रहे हैं. IIT दिल्ली और IIM कोलकाता से शिक्षा प्राप्त शशांत को जर्मनी की सीमेंस कंपनी ने 1.5 लाख यूरो (करीब 1.25 करोड़ रुपये) का पैकेज ऑफर किया था. हालांकि, उन्होंने यह कहते हुए इस ऑफर को ठुकरा दिया कि वह भारत में ही रहना चाहते हैं और अपनी शिक्षा का उपयोग जनसेवा में करना चाहते हैं.
शशांत, जो एक राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से आते हैं और जिनके दादा चार बार चुनाव लड़ चुके हैं, का मानना है कि बिहार में बदलाव की शुरुआत पटना साहिब से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं बिहार को एक नई दिशा देना चाहता हूं और इसकी शुरुआत यहीं से होनी चाहिए.
इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की डिग्री हासिल करने के बाद, शशांत ने शुरुआत में एक स्टार्टअप के साथ काम किया और बाद में सैमसंग में शामिल हो गए. लेकिन राजनीति में उनकी रुचि कभी कम नहीं हुई. साल 2022 में, वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और पटना साहिब निर्वाचन क्षेत्र में व्यापक रूप से काम करना शुरू कर दिया.
पिछले दो सालों में, उनका दावा है कि उन्होंने अपने अभियान “आपका बेटा आपके द्वार” के जरिए लगभग 80,000 घरों का दौरा किया है. इस पहल के तहत, उन्होंने परिवारों से दो मुख्य प्रश्न पूछे: उनकी सबसे बड़ी समस्या क्या है और क्या उनके पास मतदाता पहचान पत्र है.
शशांत ने बताया कि इस फीडबैक के आधार पर उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए पांच साल का विकास रोडमैप तैयार किया है. उन्होंने मतदाता सूची में लगभग 6,500 नए नाम जोड़ने में भी मदद की है.
सार्वजनिक जीवन में आने से पहले आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, शशांत ने बख्तियारपुर के पास खुसरूपुर में एक डेयरी फार्म स्थापित किया. लगभग 80 गायों वाला यह फार्म एक स्थिर आय प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि हमारी डेयरी परिवार का भरण-पोषण करती है और स्थानीय समुदाय की भी मदद करती है.
पटना साहिब में लंबे समय से जाति-आधारित मतदान का चलन रहा है. लेकिन शशांत का मानना है कि 2025 का चुनाव अलग होगा. उन्होंने कहा कि इस बार लोग जाति पर नहीं, बल्कि मुद्दों पर वोट देंगे. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस अब योग्यता और प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित कर रही है.