Holi News: होली आपके साथ-साथ अर्थव्यवस्था के लिए भी खुशी लेकर आ रही है। इस बार होली के मौके पर 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है। पिछले साल होली पर 50,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। इस लिहाज से देखें तो होली 2025 अर्थव्यवस्था में पहले से ज्यादा योगदान देगी। होली 14 मार्च को खेली जाएगी, लेकिन कई दिन पहले से ही इसकी धूम बाजार में दिखाई देना शुरू हो गई थी. जिससे व्यापारियों के चेहरे पर भी खिले हुए हैं।
इस बार कितना होगा कारोबार?
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, पिछले साल होली के त्यौहार के अवसर पर 50,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। इस बार का आंकड़ा 20% ज्यादा रहने की उम्मीद है। इस होली 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार का अनुमान है। अकेले राजधानी दिल्ली में ही 8000 रुपये से अधिक के कारोबार की उम्मीद जताई जा रही है।
इनकी बढ़ रही है डिमांड
होली रंगों का त्यौहार है, लेकिन इससे कई दूसरी व्यापारिक गतिविधियों को भी बूस्ट मिलता है। उदाहरण के तौर पर गुजिया, मिठाइयां, सूखे मेवे और कपड़े के साथ-साथ बैंक्वेट हॉल, फार्महाउस, होटल, केटरिंग, टेंट कारोबारी सभी को होली पर बिजनेस मिलता है। इस दौरान, गुब्बारे, हैप्पी होली के स्लोगन वाली सफेद टी-शर्ट, कुर्ता-पायजामा आदि की बिक्री भी काफी बढ़ जाती है। इस खास मौके को भुनाने के लिए कंपनियां काफी पहले से ही तैयारी शुरू कर देती हैं। हर साल बाजार में अलग-अलग तरह की आकर्षक पिचकारी आती हैं। कुछ साल पहले तक होली पर ऐसे पुराने कपड़े अधिक पहने जाते थे, जिनके खराब होने से कोई परेशानी नहीं। हालांकि, अब नए सफेद कपड़ों का क्रेज बढ़ गया है। खासकर ऐसे कपड़े पसंद किए जाते हैं, जिन पर होली से जुड़ा कोई न कोई स्लोगन हो।
रिटेल से होलसेल तक रंगत
होली मिलन समारोह का चलन पिछले कुछ समय में काफी बढ़ा है। इसके चलते बैंक्वेट हॉल, होटल, केटरिंग-टेंट कारोबार से जुड़े व्यापारियों की कमाई भी बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 3000 से ज्यादा होली मिलन समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि इस होली सीजन में रिटेल और होलसेल दोनों तरह के मार्केट में रंगत है। पिछली बार की तरह हर्बल गुलाल की डिमांड इस बार भी काफी ज्यादा है। लेकिन सामान्य रंग भी खूब बिक रहा है।
फेस्टिवल से बढ़ता कारोबार
CAIT राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि देश में त्यौहार व्यापार को बढ़ावा देते हैं। होली से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय बिजनेस, छोटे व्यापारियों और खासतौर से एमएसएमई सेक्टर को अधिक फायदा मिलेगा। बता दें कि होली और दिवाली के मौके पर बाजारों में सबसे ज्यादा रौनक दिखाई देती है। इस वजह से कारोबार भी काफी ज्यदा होता है और देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।
रंग बनाने वालीं प्रमुख कंपनियां
देश में होली के रंग और पिचकारी जैसे सामान बनाने वालीं कई कंपनियां हैं। जिस तरह दिवाली पर मुर्गा छाप पटाखों की मांग अधिक रहती है, वैसे ही होली पर Cock Brand के हर्बल गुलाल और रंग खूब बिकते हैं। कंपनी बच्चों के लिए पिचकारी भी बनाती है। Cock Brand आरबी समूह का हिस्सा है, जो करीब 60 साल पहले अस्तित्व में आया था। ऐसे ही Shivakari भी हर्बल रंग और गुलाल बनाती है। गुप्ता कलर कंपनी के उत्पाद भी कई शहरों में जाते हैं। कंपनी के डायरेक्टर हर्ष गुप्ता के अनुसार, कंपनी पिछले 45 सालों से संभल में रंग और गुलाल तैयार कर रही है, जिसकी कई राज्यों में डिमांड है। राधा किशन कलर वर्ल्ड और कलर क्राफ्ट जैसी कुछ दूसरी कंपनियां भी इस सेक्टर में अच्छा कर रही हैं।
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