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इस शेयर में हर रोज लग रहा लोअर सर्किट, निवेशकों में घबराहट, अब आगे क्या?

सेबी के साथ-साथ सरकार की जांच का सामना कर रही जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर आज भी लोअर सर्किट में फंसे हुए हैं। कंपनी पर फंड की हेरफेर का आरोप है और आने वाले दिन उसके लिए और भी बुरे हो सकते हैं। ऐसे में जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में लगातार गिरावट बनी रह सकती है।

Author Edited By : Neeraj Updated: Apr 23, 2025 12:44
Gensol Engineering Stock

शेयर बाजार में लिस्टेड एक कंपनी के शेयर इस समय भारी गिरावट का सामना कर रहे हैं। आलम यह है कि पिछले कुछ दिनों से इसमें लगातार लोअर सर्किट लग रहे हैं। निवेशक बुरी तरह घबराये हुए हैं और घाटे में भी बिकवाली कर रहे हैं। जेनसोल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering) में आज यानी 23 अप्रैल को भी 5% का लोअर सर्किट लगा है। यह स्टॉक टूटकर 99.91 रुपये पर आ गया है।

क्या है पूरा मामला?

जेनसोल इंजीनियरिंग पर फर्जीवाड़े के आरोप हैं। बाजार नियामक SEBI और कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय (MCA) कंपनी के खिलाफ जांच कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जांच शुरू कर सकता है। इसके अलावा, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) ने भी जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EoW) में शिकायत दर्ज कराई है। कंपनी पर करीब 978 करोड़ रुपये के लोन का कुछ हिस्सा निजी खर्चों में इस्तेमाल करने का आरोप है।

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निवेशकों को भारी नुकसान

हाल ही में सेबी ने इस पूरे मामले में सख्ती दिखाते हुए जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रमोटरों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी के खिलाफ अंतरिम आदेश जारी किए हैं। अनमोल और पुनीत को कंपनी में डायरेक्टर के पद पर बने रहने से रोक दिया गया है। सेबी के इस कदम के बाद से कंपनी के शेयरों में भूचाल आ गया है। जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर लगातार गिर रहे हैं और निवेशकों का पैसा डूब रहा है। यह स्टॉक अपने 52 वीक हाई से 90% तक टूट चुका है। ऐसे में निवेशकों को हुए नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है।

5 दिन में 18% टूटे

जेनसोल इंजीनियरिंग का शेयर पिछले पांच सत्रों में 18% से अधिक गिर चुका है और आगे भी इसमें गिरावट की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि कंपनी के खिलाफ लगातार बड़ी खबरें सामने आ रही हैं। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, जेनसॉल इंजीनियरिंग ने यह दिखाने के लिए कि वह कर्ज की किश्त भरने से नहीं चूकती, पीएफसी और इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) के जाली लेटर बनाए। यह मामला उस समय सामने आया जब क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने इन लेटर्स की सत्यता के लिए सीधे लेंडर्स से संपर्क कर लिया। PFC ने इसी सिलसिले में EoW में शिकायत की है।

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अब क्या करें निवेशक?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ जांच शुरू करने की तैयारी में है। इसका मतलब है कि कंपनी के बुरे दिन जल्द समाप्त नहीं होंगे। इस वजह से कंपनी के शेयरों में और भी गिरावट आने की आशंका है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंपनी निकट भविष्य में अगर इससे बाहर निकल भी आती है, तो उसके शेयरों को पुरानी वाली स्थिति में लौटने में लंबा समय लग जाएगा। ऐसे में इन्वेस्टर्स के लिए अपने पोर्टफोलियो से इस स्टॉक की संख्या कम करना अच्छा रहेगा।

कंपनी को बनाया निजी गुल्लक

जेनसोल इंजीनयरिंग ने सरकारी लेंडर्स IREDA और PFC से 900 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज लिया था। इससे कैब सर्विस कंपनी ब्लूस्मार्ट के लिए इलेक्ट्रिक कारें खरीदने की बात कही गई थी। आरोप है कि इस कर्ज में से 200 करोड़ रुपये से ज्यादा फंड का जेनसोल के प्रमोटर्स जग्गी बंधुओं ने निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया। इस पैसे से जग्गी बंधुओं ने लग्जरी फ्लैट भी खरीदे। सेबी का कहना है कि प्रमोटर कंपनी को अपने निजी गुल्लक की तरह चला रहे थे।

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Neeraj

First published on: Apr 23, 2025 12:44 PM

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