दक्षिण कोरिया की दिग्गज कंपनी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में बड़ी कार्रवाई का सामना कर रही है। केंद्र सरकार ने सैमसंग और उसे अधिकारियों को 601 मिलियन डॉलर (150 करोड़ रुपये) का टैक्स डिमांड नोटिस भेजा है। सरकार ने एक आदेश में कहा कि सैमसंग ने टेलीकॉम इक्विपमेंट्स के इंपोर्ट पर टैरिफ से बचने के लिए गलत तरीके इस्तेमाल किए। वहीं, कंपनी सरकार के इस फैसले के खिलाफ टैक्स ट्रिब्यूनल या अदालत का रुख कर सकती है.
Samsung
सैमसंग पिछले कुछ समय से मुश्किलों से गुजर रही है। कंपनी AI बूम का लाभ उठाने में विफल रही है और उसका मोबाइल मार्केट भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में यह टैक्स डिमांड नोटिस कंपनी की मुश्किलों में इजाफा करने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह टैक्स डिमांड भारत में सैमसंग के पिछले साल के 8,183 करोड़ रुपए के नेट प्रॉफिट का एक बड़ा हिस्सा है। वैसे सैमसंग अकेली ऐसी विदेशी कंपनी नहीं है, जिसका भारत सरकार के साथ टैक्स को विवाद हुआ है। इस लिस्ट में कई कंपनियों के नाम शामिल हैं।
Volkswagen
जर्मन कार मेकर फॉक्सवैगन को ऐसे ही टैक्स डिमांड नोटिस का सामना करना पड़ा है। कंपनी पर आरोप लगा कि उसने हायर टैक्स से बचने के लिए अपने 14 मॉडलों के लिए अलग-अलग शिपमेंट में पार्ट्स आयात किए। इसके लिए भारत सरकार ने उसे रिकॉर्ड 1.4 अरब डॉलर का टैक्स डिमांड नोटिस थमा दिया। हालांकि, फॉक्सवैगन इसके खिलाफ अदालत पहुंची। इसी साल फरवरी में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस संबंध में कस्टम विभाग को हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था। अदालत में सरकार ने कहा कि टैक्स को रद्द करने की फॉक्सवैगन की मांग पर सहमति जताने से विनाशकारी परिणाम होंगे और इससे कंपनियां सूचना छिपाने तथा जांच में देरी करने के लिए प्रोत्साहित होंगी। यह मामला अभी कोर्ट में है।
Kia
दक्षिण कोरिया की ऑटो कंपनी Kia पर भी आयात से जुड़ी सही जानकारी नहीं देने का आरोप लगा। इस साल फरवरी में उसे टैक्स विभाग ने 155 मिलियन डॉलर का नोटिस थमाया। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी को यह नोटिस आयात किए गए कंपोनेंट्स की गलत घोषणा के चलते दिया गया। हालांकि, Kia ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया और कहा है कि उसने अधिकारियों को इस मामले पर पूरी जानकारी दी थी।
Vodafone
दूरसंचार कंपनी वोडाफोन को 2 अरब डॉलर से अधिक का टैक्स डिमांड नोटिस काफी चर्चा का विषय रहा था। 2007 में जब कंपनी ने 11 अरब डॉलर के सौदे में Hutchison Whampoa की भारतीय परिसंपत्तियों को खरीदा था। तब उसे टैक्स डिमांड नोटिस का सामना करना पड़ा। यह मामला कई साल कोर्ट में चला और फैसला कंपनी के पक्ष में आया। वोडाफोन एक ब्रिटिश कंपनी है और भारत में आइडिया के साथ मिलकर टेलीकॉम सेवाएं प्रदान करती है।
Cairn Energy
ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी और भारत सरकार के बीच के टैक्स विवाद काफी लंबा चला था। दरअसल, 2007 में आंतरिक पुनर्गठन के दौरान शेयरों के हस्तांतरण को लेकर कंपनी को 1.4 अरब डॉलर से अधिक का टैक्स डिमांड नोटिस मिला था। 2011 में केयर्न एनर्जी ने केयर्न इंडिया में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी वेदांता लिमिटेड को बेच दी, जिससे भारतीय कंपनी में उसकी हिस्सेदारी घटकर लगभग 10% रह गई। 2022 में भारत सरकार और केयर्न के बीच विवाद सुलझा लिया गया।
Pernod Ricard
फ्रांसीसी लिकर मेकर कंपनी पेरनोड रिकार्ड पर भारतीय अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि वह शुल्कों का पूरा भुगतान करने से बचने के लिए एक दशक से अधिक समय से कुछ आयातित वस्तुओं का कम मूल्यांकन कर रही है। 2022 में सरकार ने कंपनी को 24 करोड़ डॉलर टैक्स डिमांड नोटिस थमाया था। इस पर कंपनी ने अदालत का रुख किया और दलील दी कि नोटिस इंडस्ट्री से मिले गलत आंकड़ों पर आधारित है। वोदका और शिवास रीगल ब्रांड पेरनोड रिकार्ड का ही हिस्सा हैं।
Build Your Dreams (BYD)
चीन की दिग्गज EV मेकर BYD पर भी टैक्स चोरी का आरोप लगा। करीब दो साल पहले यह बात सामने आई कि BYD ने देश में असेंबल और बेची जानी वाली कारों के लिए जो पार्टस् मंगाए थे, उस पर बहुत कम टैक्स का भुगतान किया। भारत सरकार के रेवेन्यू इंटेलिजेंस विंग (DRI) की तरफ से बताया गया कि BYD ने 74 करोड़ का कम टैक्स भरा। जब DRI ने इसकी जांच शुरू की तो BYD ने बचे हुए टैक्स का पेमेंट कर दिया। उस समय यह बताया गया था कि जांच जारी है और कंपनी पर अतिरिक्त टैक्स चार्ज एवं जुर्माना लगाया जा सकता है।
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