Liquor Stocks: पिछले महीने की 12 तारीख से शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। इस महीने यानी दिसंबर में भी शादी के लिए कई शुभ तिथियां हैं। शादी केवल दो परिवारों में ही खुशी नहीं लाती, बल्कि बाजार में रौनक की वजह भी बनती है। इस सीजन में 45 लाख से ज्यादा शादियों का अनुमान है और इनसे 6 लाख करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है। हमारे देश में शादियों के दौरान शराब की खपत एकदम से बढ़ जाती है। ऐसे में शराब बनाने वाली कंपनियां सीजन की समाप्ति तक अपना खजाना भरने की उम्मीद लगाए बैठी हैं और इस उम्मीद से उनके शेयरों में अभी से जान आ गई है। दूसरे शब्दों में कहें तो लिकर कंपनियों के शेयर तेजी से दौड़ रहे हैं और आने वाले समय में इनकी रफ़्तार बढ़ने की संभावना है।
अभी ऐसा है इनका हाल
UBL यानी United Breweries के शेयर शुक्रवार को उछाल के साथ 1,950 रुपए पर बंद हुए थे। इस साल अब तक ये शेयर 8.77% चढ़ा है। Allied Blenders and Distillers के शेयर पिछले कारोबारी दिन 4.60% की छलांग के साथ 338 रुपए पर पहुंच गए। पिछले पांच सत्रों में इसने 5.28% की तेजी हासिल की है। 1,531 रुपए के भाव पर मिल रहा United Spirits का शेयर बीते एक महीने में 6.61% और एक साल में 17.09% का रिटर्न दे चुका है। Radico Khaitan के शेयर भी झूम रहे हैं। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन इसने दो प्रतिशत से अधिक की मजबूती हासिल करके 2,450 रुपए का आंकड़ा छूआ। पिछले एक साल में इसने 55.82% का रिटर्न दिया है। इसी तरह, Globus Spirits के शेयर तेजी के साथ 883 रुपए पर कारोबार कर रहे हैं।
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इस बार ज्यादा शादियां
पिछले साल के मुकाबले इस सीजन में ज्यादा शादियां हो रही हैं। पिछले सीजन में 35 लाख शादियां हुईं थीं और इस बार 45 लाख से ज्यादा का अनुमान है। जाहिर है ऐसे में कारोबार भी ज्यादा होगा और शराब की बिक्री का आंकड़ा भी बढ़ेगा। इसलिए लिकर कंपनियों के शेयर आगे भी फोकस में बने रह सकते हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा शराब बाजार है। देश में शराब की सालाना बिक्री 4400 करोड़ डॉलर के आसपास होती है। ब्रोकरेज का भी मानना है कि शादियों के सीजन सहित तमाम कारण हैं, जिससे शराब कंपनियों की आर्थिक सेहत में सुधार आएगा। साथ ही एथनॉल डायवर्जन पर सरकारी नीति से भी उन्हें काफी फायदा मिलेगा।
मार्जिन में आएगा सुधार
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि शादियों में शराब की खपत बढ़ने सहित कई कारणों से शराब बनाने वाली कंपनियों को फायदा होने की उम्मीद है। बार्ली (Barley) यानी जौ की लागत में कमी से उनके मार्जिन में सुधार होगा और इनपुट लागत में कमी आने से प्रॉफिट बढ़ेगा। उनका यह भी कहना है कि शादियों के सीजन के साथ ही क्रिसमस और फिर न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर भी शराब की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बढ़ता शहरीकरण लिकर इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद है। आने वाले समय में इस सेगमेंट में काफी ग्रोथ देखने को मिलेगी। जाहिर है, ऐसे में शराब बनाने वाली कंपनियों के शेयर भी फोकस में बने रह सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: यहां बताई गई जानकारी शेयर खरीदने की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश सोच-समझकर और अपने विवेक के आधार पर करें)।