नई दिल्ली: दीवाली सिर्फ एक धार्मिक या सांस्कृतिक त्योहार नहीं है, इसका हमारी अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है। दीवाली में खरीदने के लिए हमारे पास अपनी सूची होती है। यह सीजन न केवल मौजूदा आर्थिक स्थिति पर अच्छा अपडेट लेकर आया है, बल्कि शेष वित्तीय वर्ष के लिए बाजार की भावना को भी प्रभावित किया है। तो आइए एक नजर डालते हैं त्योहारी सीजन की बिक्री पर इंडस्ट्री के नजरिए पर।
त्योहारी सीजन का खुदरा कारोबार 1.5 लाख करोड़ के पास
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पहली नवरात्रि (26 सितंबर) से धनतेरस तक अब तक देशभर में 1.25 लाख करोड़ का खुदरा कारोबार हो चुका है। अकेले दिल्ली में 25,000 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है। अभी भी त्योहारी सीजन में 10 दिन बाकी हैं, ऐसे में खुदरा कारोबार इस साल 1.5 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर सकता है।’
पर्सनल व्हीकल सेगमेंट में दशक की रिकॉर्ड बिक्री की उम्मीद
ऑटो सेक्टर हमारी अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ रहा है। देश की मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी का 49% सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर से आता है। इस साल पेट्रोल और डीजल की रिकॉर्ड ऊंची कीमतों का ऑटो बिक्री पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। मौजूदा साल बड़ी ऑटो कंपनियों ने भी कई नए मॉडल लॉन्च किए हैं।
पिछले 4 वर्षों में सोने की बिक्री के लिए सर्वश्रेष्ठ वर्ष
परंपरागत रूप से लोग धनतेरस पर सोना खरीदते हैं। इस साल ज्वैलरी की दुकानों में ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ है। कोविड प्रतिबंधों के हटने के बाद फिर से भव्य शादियों का मार्ग प्रशस्त हुआ है। बता दें कि गोल्ड की बिक्री में 20 फीसदी की स्पाइक दर्ज हुई है।
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