क्या आप या आपके दोस्त अक्सर सस्ती शराब खरीदने के लिए गुरुग्राम जाते हैं? अगर हां, तो जल्द ही इसमें बदलाव आ सकता है. दिल्ली सरकार कथित तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के शहरों, खासकर गुरुग्राम, के समान शराब की कीमतें लाने पर विचार कर रही है ताकि प्रीमियम सेगमेंट में एकरूपता सुनिश्चित की जा सके.
नई शराब नीति पाइपलाइन में
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, आबकारी समिति ने शुक्रवार को एक बैठक के दौरान एक अधिक “पारदर्शी और सामाजिक रूप से सुरक्षित” नीति लाने के लिए एक रूपरेखा पर चर्चा की. इस नीति का मसौदा अगले महीने तक आने की उम्मीद है.
रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी के अनुसार अब तक हुई चार बैठकों में से एक शराब की कीमतें हैं. इसके अलावा निश्चित खुदरा मार्जिन, उत्पाद शुल्क, बीयर पीने की कानूनी उम्र पर चर्चा हुई.
रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि शुक्रवार को हुई बैठक में निश्चित खुदरा मार्जिन, उत्पाद शुल्क, दिल्ली में बीयर पीने की कानूनी उम्र और प्रीमियम ब्रांडों की उपलब्धता जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई.
दिल्ली में शराब की कीमतें ज्यादा क्यों हैं?
दिल्ली में शराब की कीमतें, गुरुग्राम से ज्यादा हैं. दरअसल, इसके पीछे एक प्रमुख कारण रिटेल मार्जिन लिमिट है. दिल्ली में प्रति बोतल बिक्री पर लगाई गई स्टेबल रिटेल मार्जिन सीमा लगाई जाती है, जो गुरुग्राम में लागू नहीं है. इसलिए दिल्ली में शराब महंगी है. फिलहाल दिल्ली में, भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) के लिए खुदरा मार्जिन 50 रुपये प्रति बोतल है, जबकि आयातित शराब के लिए 100 रुपये प्रति बोतल है.
गुड़गांव की लिकर पॉलिसी भी दिल्ली से अलग है. व्यापारी के पास कीमतें और छूट तय करने की छूट होती है, क्योंकि वे लाइसेंस की नीलामी के दौरान एक बड़ी रकम चुकाते हैं, न्यूनतम आरक्षित मूल्य लगभग 20 करोड़ रुपये है, जो नीलामी के दौरान और भी बढ़ जाता है. इसलिए, उन्हें छूट और ऑफर देकर लागत वसूल करनी पड़ती है.
क्या घट जाएगी पीने की उम्र
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि समिति ने बीयर पीने के लिए कानूनी उम्र 25 से घटाकर 21 करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि इस बदलाव पर कोई सहमति नहीं बनी है. नतीजतन, आगामी नीति में वर्तमान पीने की उम्र अपरिवर्तित रहने की संभावना है.