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‘ठेले पर बेची मोमबत्तियां, बीमारी ने छिनी आंखों की रोशनी’, फिर ऐसे खड़ी की 350 करोड़ की कंपनी

Bhavesh Bhatia: कभी ठेले पर मोमबत्तियां बेचने वाले शख्स ने जीवन में कई परेशानियां झेली। 23 साल में आंखों की रोशनी चली गई, हर कदम पर साथ देने वाली मां की कैंसर से मौत हो गई। पिता ने सारी जमा पूंजी मां के इलाज में खर्च कर दी। इसके बावजूद शख्स ने हिम्मत नहीं हारी […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Aug 12, 2023 08:23
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सनराइज कैंडल्स के मालिक भावेश भाटिया। -फाइल फोटो

Bhavesh Bhatia: कभी ठेले पर मोमबत्तियां बेचने वाले शख्स ने जीवन में कई परेशानियां झेली। 23 साल में आंखों की रोशनी चली गई, हर कदम पर साथ देने वाली मां की कैंसर से मौत हो गई। पिता ने सारी जमा पूंजी मां के इलाज में खर्च कर दी। इसके बावजूद शख्स ने हिम्मत नहीं हारी और 350 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी।

महाराष्ट्र के भावेश चंदूभाई भाटिया जब जवां हो रहे थे, तो उन्हें 23 साल की उम्र में रेटिना मस्कुलर डिग्रेडेशन नाम की बीमारी हो गई। बाद में इलाज के दौरान उनकी आंखों की रोशनी चली गई। उन्होंने एमए की पढ़ाई की थी, लेकिन साधारण डिग्री होने की वजह से उन्हें नौकरी नहीं मिल पाई। इस दौरान उनकी मां ने उनका साथ दिया और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहीं। लेकिन जल्द ही उनकी मां की भी कैंसर से मौत हो गई।

मां के निधन के बाद भावेश भाटिया को लगा कि अब सब कुछ खत्म हो चुका है। महाबलेश्वर में एक गेस्टहाउस में केयरटेकर का काम करने वाले पिता ने भी मां की इलाज पर सारी जमा पूंजी खर्च कर दी थी। कुछ दिनों बाद भावेश ने खुद को संभाला और मोमबत्ती बनाने का काम सीखने की ठानी। उन्होंने इसके लिए नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड स्कूल में एडमिशन लिया और मोमबत्ती बनाना सिखा।

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50 रुपये में किराए पर लिया ठेला, बेचने लगे मोमबत्ती

नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड स्कूल में उन्होंने मोमबत्ती बनाने का काम सिखा और इससे जुड़े हर एक पहलू को बारीकी से सिखा। जब स्कूल से कोर्स कंप्लिट कर निकले तो उन्होंने अपने एक दोस्त से 50 रुपये में ठेला किराए पर लिया और फिर मोमबत्ती बेचने का कारोबार शुरू किया।

शादी के बाद बदली भावेश भाटिया की जिंदगी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोमबत्ती बेचने के दौरान उन्होंने नीता से शादी कर ली। नीता से शादी के बाद भावेश की जिंदगी ने करवट लेनी शुरू की। मोमबत्ती बनाने में एक्सपर्ट भाटिया प्रोडक्शन करते थे, जबकि उनकी पत्नी इसकी मार्केटिंग का जिम्मा संभालती थीं। भावेश का कारोबार अब बढ़ने लगा था।

1994 में भावेश ने ‘सनराइज कैंडल’ नाम की कंपनी बनाई। इस कंपनी का एनुअल रेवेन्यू फिलहाल 350 करोड़ रुपये है। उनकी कंपनी अगल-अलग तरह के कैंडल्स बनाती है, जिनमें साधारण से लेकर सुगंधित, फ्लोटिंग और डिजाइनर कैंडल शामिल है।

खुद ब्लाइंड, कंपनी में भी 9 हजार से अधिक ब्लाइंड कर्मचारियों को रखा

खुद ब्लाइंड होने के कारण भावेश ने अपने जैसे लोगों की परेशानियों को बेहतर समझते हैं। उनकी कंपनी में 9000 से अधिक ऐसे लोग काम करते हैं, जो दृष्टिबाधित हैं। भावेश की पत्नी नीता ऐसे कर्मचारियों के ट्रेनिंग को संभालती हैं।

बता दें कि भावेश भाटिया इन दिनों चर्चा में हैं। हाल ही में आनंद महिंद्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए भावेश का जिक्र किया। दरअसल, आनंद महिंद्रा को किसी ने भावेश भाटिया के एक वीडियो को भेजा था। इसके बाद वी़डियो को अपने सोशल मीडिया पेज पर शेयर करते हुए महिंद्रा ने लिखा कि तो क्या हुआ कि तुम दुनिया नहीं देख सकते। कुछ ऐसा करो कि दुनिया तुम्हें देखे। उन्होंने कहा कि मैं शर्मिंदा हूं कि जब तक उनसे जुड़ी क्लिप मेरे इनबॉक्स में नहीं आई थी, तब तक मैंने भावेश के बारे में नहीं सुना था। बढ़ते रहो, भावेश!

First published on: Aug 12, 2023 08:23 AM

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