8th Pay Commission: महंगाई भत्ते में चार फिसदी की बढ़ोतरी के बाद एक बार फिर केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। इस बार खबर आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर है। दरअसल सरकारी कर्मचारियों फिलहाल सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत सैलरी मिल रही है, लेकिन कर्मचारियों आठवें वेतन आयोग की मांग रहे हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें सिफारिशों के मुताबिक सैलरी नहीं मिल रही है। उन्हें जितनी सैलरी मिलनी चाहिए उससे भी कम मिल रहा है। ऐसे में वो सरकार से लगातार आठवें वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं। हालांकि सरकार साफ कर चुकी है कि फिलहाल उनका 8वें वेतन योग को लेकर कई विचार नहीं है।
वहीं अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले कर्मचारी संगठन लगातार सरकार पर इसे लागू करने के लिए दवाब बना रहा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस सिलसिले में कर्मचारी यूनियन एक ज्ञापन तैयार कर रही है जिसे वो जल्द ही सरकार को सौंपेगा।
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केंद्रीय कर्मचारी संगठन फिटमेंट फैक्टर फैक्टर (Fitment Factor) में बढ़ोतरी मांग कर रहे हैं। दरअसल वेतन बढ़ोतरी में फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल होता है और यह वेतन सीमा पर तय होता है। फिलहाल न्यूनतम वेतन की सीमा 18000 है। जो फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है। वहीं 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट पैक्टर इसे 3.68 गुना तक रखने की सिफारिश की गई है। अगर इसके लिए तैयार हो जाती है तो कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 हजार रुपये से बढ़कर 26000 हजार रुपये हो जाएगा। इसके लागू होने पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी उछाल आ जाएगी।
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इस बीच खबरें आ रही है कि सरकार 8वें वेतन आयोग के पक्ष में नहीं है। सरकार एक ऐसा सिस्टम लागू करना चाहती है, जिसमें कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी खुद व खुद हो जाए। यह ‘ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम’ पर कामकर सकता है। इसमें 50 फीसदी से ज्यादा महंगाई भत्ता होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक रिविजन हो जाया करेगा। अगर अगर ऐसा होता है तो देश के एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स को सीधा फायदा होगा।