Winter car maintenance tips: नॉर्थ इंडिया में धीरे-धीरे ठंड बढ़ रही है। सर्दियों में धुंध सड़क पर व्हीकल चलाते हुए हमें परेशान करती है। लेकिन अगर हम ड्राइविंग करते हुए कुछ सामान्य से बातों का ख्याल रखें तो वाहन चलाते हुए सड़क पर आने वाली किसी भी परेशानी से बच सकते हैं। आइए आपको इस आर्टिल में कार चलाने के दौरान बरते जाने वाली कुछ सावधानियों के बारे में बताते हैं।
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एलईडी की बजाए हैलोजन बल्ब
पहले बात करते है बैटरी की। अकसर सर्दियों में बैटरी डाउन होने, सेल्फ न लेने की परेशानी होती है। अमूमन कार बैटरी तीन से पांच साल तक चलती है। अगर बैटरी परेशानी कर रही है तो उसे तुरंत मैकेनिक को देखाकर फुल चार्ज करवाएं या फिर बदल लें। नोएडा के एक नामी कार कंपनी में सर्विस मैनेजर कुलदीप सिंह के मुताबिक सर्दियों में कोहरे में दृश्यता कम रहती है, हमें अपनी कार की हेडलाइट, टेललाइट और पार्किंग लाइट चेक कर लेनी चाहिए की वह ठीक चल रही हैं या नहीं। अगर कोई बल्ब खराब हो तो उसे तुरंत बदलवा लें। हेडलाइट में येलो रंग की फिल्म लगा सकते हैं। धुंध में एलईडी की बजाए हैलोजन बल्ब ज्यादा दृश्यता देते हैं।
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खराब विंडशीलड वाइपर बदलें
सर्दियों में पुराने इंजन ऑयल और कूलेंट को बदल लेना चाहिए। पुराना ऑयल गंदा हो जाता है। सर्दियों में इंजन इससे अतिरिक्त दबाव पड़ता है। कूलेंट कम होने की स्थिति में कार जल्र्दी गर्म होने और कार के पार्ट्स खराब होने का खतरा रहता है। वहीं, कार के विंडशीलड वाइपर को चेक कर लें। कई कार इनका रबड़ पुराने होने से खराब हो जाते हैं। हमें सर्दियों में धुंध को खत्म करने के लिए कारों में दिए क्लाइमेट कंट्रोल के फीचर को यूज करना चाहिए।
कार की ब्रेक पैडल और डिस्क ब्रेक की जांच करवाएं
सर्दियों में कार स्टार्ट करने से पहले चाबी लगाकर कुछ देर रुकें। बैटरी तक करंट जानें दें। इसके अलावा इंजन स्टार्ट करने के बाद एकदम गियर में डालकर तेज रेस न दें। स्टार्ट करने के कुछ क्षण बाद तक ऑयल इंजन में रोटेट होने दें। इसके अलावा कार के टायर प्रेशर को नियमित रूप से जांच करें। कम हवा होने से इंजन पर दबाव पड़ता है और माइलेज कम निकलती है। वहीं, हमें कार के ब्रेक पैडल और डिस्क ब्रेक की मैकेनिक से चेक करवानी चाहिए।