Car Safety Rating details in hindi: कारों को सेफ्टी रेटिंग दी जाती है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि यह रेटिंग किस आधार पर मिलती है? यह कैसे दी जाती है और इसके फायदे क्या हैं? आइए आपको इस आर्टिकल में सेफ्टी रेटिंग से जुड़े कुछ Facts बताते हैं।
वीडियो को क्लिक कर देखें कार क्रैश टेस्ट क्या होता है, कार सेफ्टी रेटिंग कैसे दी जाती है
गाड़ियों को क्रैश टेस्ट में 0 से 5 स्टार तक की रेटिंग दी जाती
जानकारी के अनुसार गाड़ियों को क्रैश टेस्ट में 0 से 5 स्टार तक की रेटिंग दी जाती है। इसमें 0 स्टार का मतलब होता है कि कार असुरक्षित है। सड़क हादसो के दौरान ऐसी कार में चोटिल होने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं, 5 स्टार से समझा जाता है कि कार पूरी तरह सुरक्षित है। ऐसी कारों में सड़क हादसो के दौरान गंभीर चोटे लगने का डर कम होता है।
इंडिया में अपने कार असेसमेंट प्रोग्राम BNCAP की शुरुआत
इंडिया में अक्टूबर 2023 में अपना कार असेसमेंट प्रोग्राम BNCAP की शुरुआत की गई है। इससे पहले विदेशों में ऑस्ट्रेलियन एनकैप (ANCAP) ग्लोबल एनकैप (GNCAP), लैटिन एनकैप (LNCAP) और यूरो एनकैप (UNCAP) कार का क्रैश टेस्ट कर इन्हें सेफ्टी रेटिंग देते हैं। जानकारों की मानें तो विदेश में हुए कार क्रैश टेस्ट कई कार भारत की सिचुएशन से मेल नहीं खाते हैं।
टेस्ट कैसे होता है
किसी भी कार क्रैश टेस्ट में पहले उसमें आगे और पीछे पैसेंजरों के डमी बैठाए जाते हैं, फिर कार को साइड और सामने से 50 से लेकर 64 kmph की स्पीड में barrier से टकराया जाता है। टक्कर लगने के बाद कार पर उसके असर के आधार पर सेप्टी रेटिंग दी जाती हैं।
किस आधार पर दी जाती है रेटिंग
क्रैश टेस्ट के बाद 0 से 5 के बीच रेटिंग दी जाती है। यह रेटिंग टेस्ट के दौरान चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP), सेफ्टी असिस्ट टेक्नोलॉजी (SAT) और एडल्ट ऑक्यूमेंट प्रोटेक्शन (AOP) के आधार पर होती हैं। इन तीनों सेफ्टी फीचर्स के आधार पर देखा जाता है कि कार में बैठने वाले बच्चे, एडल्ट कितने सुरक्षित हैं। इसके अलावा कार सरकार के मानकों के अनुसार कौन से सेफ्टी फीचर्स हैं और टक्कर लगने के बाद उन्होंने कैसे काम किया।