2024 में भारत लगातार दूसरे साल दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर (3W) बाजार बना हुआ है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) की ग्लोबल EV आउटलुक 2025 अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस वर्ष इन वाहनों की बिक्री में लगभग 20% की वृद्धि दर्ज की गई और आंकड़ा 7 लाख यूनिट के करीब पहुंच गया। ग्लोबल स्तर पर 3 व्हीलर वाहन बाजार में 5% की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन इलेक्ट्रिक सेगमेंट में 10 % से अधिक की बढ़ोतरी हुई और 10 लाख से ज्यादा यूनिट्स की बिक्री हुई।
भारत और चीन मिलकर 90 % से अधिक इलेक्ट्रिक और पारंपरिक तिपहिया वाहनों की बिक्री के लिए जिम्मेदार रहे। चीन में इलेक्ट्रिक 3W की हिस्सेदारी 15% से नीचे बनी रही, जबकि भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए इस सेगमेंट में 57% बाजार हिस्सेदारी के साथ शीर्ष स्थान बनाए रखा।भारत सरकार की नई योजना PM E-DRIVE को इस तेजी से बढ़ते ट्रेंड का बड़ा कारण माना जा रहा है। इस योजना के तहत 2024 में 3 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर्स को व्यावसायिक उपयोग के लिए प्रोत्साहन देने हेतु बजट आवंटित किया गया है।
वहीं IEA के मुताबिक, भारत, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया आज भी 2 व्हीलर और 3 व्हीलर के सबसे बड़े बाजार हैं। भारत में 2024 में 220 इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता सक्रिय रहे, जिनमें से शीर्ष 4 कंपनियों ने कुल बिक्री का 80 % हिस्सा हासिल किया। कुल 13 लाख EV दोपहिया वाहन बिके, जो पूरे बाजार का 6 % है।
इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर्स की कीमतें अब पारंपरिक वाहनों के करीब पहुंच रही हैं। जैसे ओला ने S1X मॉडल 70,000 रुपये में पेश किया है। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के तहत 2 व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5,000 रुपये प्रति kWh तक की सहायता मिल रही है। भारत में EV उत्पादन क्षमता भी तेजी से बढ़ी है। साल 2024 में 80 प्रमुख निर्माताओं की कुल क्षमता 1 करोड़ यूनिट थी, जो घरेलू बिक्री से आठ गुना ज्यादा थी। यह आने वाले समय में 1.7 करोड़ यूनिट तक जा सकती है।
पिछले साल 1 लाख इलेक्ट्रिक कारें बिकी
आंकड़ों के मुताबिक, इलेक्ट्रिक कारों की बात करें तो 2024 में इनकी बिक्री 1 लाख यूनिट रही। 2025 की पहली तिमाही में बिक्री 35,000 यूनिट तक पहुंच गई, जो सालाना 45 % की वृद्धि है। भारत में घरेलू कंपनियों द्वारा निर्मित कारें चीन से आयातित मॉडलों की तुलना में सस्ती हैं।
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