How to buy used cars: भारत में नई कारों के साथ-साथ पुरानी कारों का बाजार भी काफी बड़ा हो रहा है। पहले की तुलना में अब ग्राहकों के पास काफी अच्छे ऑप्शन आ गये हैं। अगर आप किसी अच्छी जगह से पुरानी कार खरीदने जाते हैं तो आपके ठगी का शिकार होने की चांस काफी कम हो सकते हैं लेकिन अगर आप किसी लोकल जगह से पुरानी कार खरीदते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है। कार डीलर आपको तगड़ा चूना लगा सकते हैं। ऐसे में इनसे बचने के लिए यहां हम आपको कुछ जरूरी टिप्स बता रहे हैं जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। और आप कार पर बेस्ट डील पा सकते हैं।
कार के सभी पेपर्स चेक करें
जिस कार को खरीदने जा रहे हैं, सबसे पहले उसे सभी पेपर्स ठीक प्रकार से देख लें। गाड़ी की RC, रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस पेपर्स को ठीक से चेक करें। इसके अलावा पिछले 2-3 साल में नो क्लेम बोनस ट्रैक करें।ध्यान रहे सभी पेपर्स ओरिजिनल ही देखें, फोटो कॉपी, या मोबाइल में पेपर्स न देखें, यह धोखा हो सकता है।
गाड़ी स्टार्ट करें और चलाकर देखें
गाड़ी स्टार्ट करें, उसके बाद बोनट पर हाथ रखें और टेम्प्रेचर चेक करें। अगर कार का टेम्प्रेचर नॉर्मल हैं तो कोई बात नहीं। अगर यह बहुत ज्यादा है तो ऐसी कार की ड्राइव न लें और डील न करें। यह भी देख लें कि वाइब्रेशन की दिक्कत तो नही है। इसके अलावा गाड़ी की टेस्ट ड्राइव जरूर लें, और आराम से ध्यान से चलायें। ड्राइव के दौरान यह चेक करें कि इंजन से कोई आवाज़ तो नहीं आ रही, सस्पेंशन, क्लच, ब्रेक और गियर शिफ्टिंग को चेक करें।
बॉडी पेंट को ध्यान से चेक करें
अक्सर देखने में आता है कि डीलर पुरानी कार को नया पेंट करके बेच देते हैं। इसलिए कार को ध्यान से चेक करें.. यदि पेंट में असमानता दिखाई दे तो ऐसी डील फाइनल न करें।
स्टीयरिंग व्हील चेक करें
गाड़ी के स्टीयरिंग व्हील को भी ध्यान से चेक करें, अगर इसमें वाइब्रेशन की शिकायत या एक तरफ ज्यादा भागने लगे तो समझ जाना कि गाड़ी ठीक नहीं है। ऐसी डील न करें।
धुएं को चेक करें
गाड़ी के साइलेंसर के निकलने वाले धुएं के रंग पर ध्यान दें। यदि धुएं का रंग नीला, काला है तो यह इस बात का संकेत है कि इंजन में कोई खराबी है। इसके अलावा इंजन में ऑयल लीकेज की समस्या भी हो सकती है।
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