केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में घोषणा की है कि केंद्र सरकार ओला और उबर की तरह सहकारी टैक्सी सेवा शुरू करेगी। शाह ने कहा कि भारत सरकार उबर और ओला जैसी लोकप्रिय राइड-हेलिंग सेवाओं के लिए सहकारी द्वारा संचालित विकल्प पेश करने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार एक नई योजना लेकर आ रही है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इसका सारा मुनाफा सीधे टैक्सी चालकों को मिलेगा।
इस टैक्सी सेवा में टू-व्हीलर टैक्सी, ऑटो-रिक्शा और फोर व्हीलर वाहन समेत कई तरह के परिवहन ऑप्शन शामिल होंगे। शाह ने कहा कि इस सहकारी मॉडल में आय सीधे ड्राइवरों तक पहुंचेगी, जबकि निजी कंपनी में लाभ बड़े पैमाने पर व्यवसाय मालिकों को पहुंचता है।
ड्राइवर सीधे ऐप के जरिये जुड़ सकेंगे
रिपोर्ट्स के मुताबिक सहकारी टैक्सी सेवा देश भर के प्रमुख शहरों में शुरू की जा सकती है। अन्य कैब सेवाओं की तरह ड्राइवर ऐप के जरिये खुद को रजिस्टर्ड कर सकेंगे और रोजगार प्राप्त कर पाएंगे। केंद्र सरकार के समर्थन के कारण ड्राइवर आसानी से इस सेवा से जुड़ेंगे। साथ ही यात्रियों को लुभाना भी आसान होगा। सहकारी टैक्सी सेवा के शुरू होने के बाजार में ओला और उबर के लिए दिक्कतें आ सकती हैं और मुकाबला भी काफी तगड़ा होगा।
ड्राइवरों को होगा सीधा फायदा
ओला और उबर जैसी कंपनियों में काम करने से ड्राइवरों को कम फायदा मिलता है क्योंकि बिचौलियों को भी मुजफे का कुछ हिस्सा मिलता है। लेकिन सरकार के इस मॉडल का लाभ सीधा ग्राहकों को होगा। इतना ही नहीं यात्रियों के लिए अधिक किफायती किराया भी प्रदान किया जाएगा।
मौजूदा हालात पर नजर डालें तो ओला और उबर की सर्विस काफी खराब है। कैब/बाइक करने में काफी समय लगता है, कई बार तो ड्राईवर बुकिंग कैंसल कर देते हैं जिसकी वह से यात्रियों को नुकसान होता है। ऐसे में उम्मीद है कि सहकारी टैक्सी सेवा के आने से यूजर्स को फायदा होगा।
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