FasTag Rules: कुछ साल पहले तक टोल प्लाजा पर टोल टैक्स चुकाने के लिए लोगों को लाइन में लगना पड़ता था क्योंकि भुगतान कैश के जरिये होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब यह काम बेहद सरल हो चुका है। अब टोल टैक्स चुकाने के लिए सभी गाड़ियों में फास्टैग का इस्तेमाल किया जाता है। हर गाड़ी की विंडस्क्रीन पर एक फास्टैग चिप स्टीकर लगा होता है। आजकल सभी बैंक फास्टैग जारी करती हैं। एक नई कार के साथ आपको फास्टैग भी लेना होगा। बिना फास्टैग के गाड़ी नहीं चला सकते। लेकिन अगर आप अपनी पुरानी कार बेच रहे हैं तो क्या फास्टैग भी ट्रान्सफर करना होगा ? ये सवाल अक्सर लोगों के मन में कई बार आता है। जब आप अपनी पुरानी गाड़ी बेचते हैं तो गाड़ी के साथ सारे पेपर्स ट्रांसफर होते हैं लेकिन फास्टैग अलग होता है।
फास्टैग आपके बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है। इसलिए जब आप अपनी गाड़ी बेचते हैं। तो आपको उस गाड़ी से जुड़ा फास्टैग बंद करवाना होता है। क्योंकि यह ट्रांसफर नहीं होता। फास्टैग बंद करवाने के लिए आपको अपने बैंक जाना होगा या फिर कस्टमर केयर बात करनी होगी।
इतना ही नहीं अगर आपका फास्टैग खराब हो जाए या फिर खो जाए। तो भी आपको फिर से बैंक में संपर्क करना होगा और नए फास्टैग की बात करनी होगी। नया फास्टैग फिर से लेने के लिए आपको एक तय फीस भरनी होगी। उसके बाद बैंक की तरफ से एक नया फास्टैग मिलेगा।
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लेकिन नया फास्टैग सीधा आपके रजिस्टर्ड ऐड्रेस पर आएगा। अगर आप एक शहर से दूसरे शहर जा रहे हैं तो आपको फास्टैग कैरी करना होगा, वरना आपको कई जगह डबल टोल भी भरना पड़ सकता है और आपको सफ़र महंगा साबित हो सकता हैं।
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