Blue Color Number Plate: भारत में लगी नंबर प्लेट उसकी पहचान होती है। जैसे प्राइवेट गाड़ियों में सफेद रंग का नंबर प्लेट लगाईं जाती है जबकि कमर्शियल वाहनों में पीले रंग का नंबर प्लेट लगाने की अनुमति है। वहीं शोरूम पर रखी गाड़ियों में लाल रंग के नंबर प्लेट का इस्तेमाल होता है। जबकि इलेक्ट्रिक कारों में हरे रंग की नंबर प्लेट होती है। इन नंबर प्लेट्स के अलावा कभी-कभी नीले रंग (Blue Color) की नंबर प्लेट वाली गाडियां भी आपने देखी होंगी। लेकिन काफी लोगों को इस बारे में जानकारी होती नहीं है। ये नीली नंबर प्लेट किन गाड़ियों को एलॉट होती है और क्या हैं इसकी खासियत ? आइये जानते हैं..
किन लोगों को मिलती है नीले रंग की नंबर प्लेट?
नीले रंग की नंबर प्लेट बेहद खास होती है, जो आम गाड़ियों में नहीं लगाईं जाती और एक आम इंसान नहीं कर सकता। आपको बता दें कि भारत में दूसरे देशों के दूतावास (Embassies) के प्रतिनीधि या राजनायिक नीले नंबर प्लेट वाली गाड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा दूसरे देशों के काउंसलर स्टाफ, या अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा भारत में उपयोग की जाने वाली गाड़ियों में नीले रंग का नंबर प्लेट इस्तेमाल किया जाता है। भारत सरकार ने इनके लिए ये रंग का नंबर प्लेट संरक्षित किया है।
कंट्री कोड से होती है पहचान
नील रंग की इन प्लेट पर स्टेट कोड की जगह कंट्री कोड होता है। इन पर DC (Diplomatic Corps), CC (Consular Corps), UN (United Nations) लिखा होता है। इन नंबर प्लेट की शुरुआत में एक यूनिक कोड होता है, जो उस देश या संगठन को दर्शाता है जिसका वाहन है। इसके बाद एक रैंक कोड होता है, जो गाड़ी के मालिक की राजनयिक रैंक को भी दर्शाता है।
मिलते हैं ये फायदे
नील रंग की नंबर प्लेट वाले वाहन सामान्य भारतीय टैक्स नियमों से छूट प्राप्त करते हैं, क्योंकि ये अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और कूटनीतिक समझौतों के तहत आते हैं। इतना ही नहीं राजनयिक वाहनों को स्पेशल सेफ्टी और विशेषाधिकार दिए जाते हैं। वहीं भारतीय ट्रैफिक नियमों में भी इन्हें विशेष रियायत दी जाती है। नीली नंबर प्लेट वाली गाड़ियां आमतौर पर दिल्ली में देखी जाती हैं, क्योंकि यहीं पर ज्यादातर दूतावास होते हैं।
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